डोनबास (लुहांस्क और डोनेस्क) पर कब्जे की जल्दी में रूसी सेना वहां पर पूरी बेरहमी से हमले कर रही है तो यूक्रेनी सेना अपनी एक-एक इंच जमीन बचाने के लिए जी-जान लगा रही है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने सीविरोडोनेस्क में मारीपोल जैसी भीषण लड़ाई और खूनखराबे की जानकारी दी है। वहां पर अभी तक हजारों लोग मारे जा चुके हैं और कमोबेश पूरा शहर खंडहर में तब्दील हो चुका है। जेलेंस्की पश्चिमी देशों से जल्द भारी हथियार मांग रहे हैं तो रूसी सेना उन हथियारों के आने से पहले ही डोनबास पर कब्जा करना चाह रही है। पूर्वी यूक्रेन के लुहांस्क और डोनेस्क प्रांतों में रूसी हमलों से जिस तरह की बर्बादी और बड़ी संख्या में मौतें हुई हैं उससे आशंका पैदा हो गई है कि रूस ने यहां पर 1960 के समय की एंटी शिप मिसाइलों का इस्तेमाल धरती पर हमले के लिए किया। केएच-22 मिसाइलें समुद्र में विशाल विमानवाहक युद्धपोतों को बर्बाद करने के लिए बनाई गई थीं। इनमें कम शक्ति वाले परमाणु हथियार लगे होते हैं। लेकिन अब पूर्वी यूक्रेन में इनका इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके चलते दोनों ही प्रांतों में भारी तबाही हुई है और बड़ी संख्या में सैन्य-असैन्य नागरिक मारे गए हैं। यूक्रेन और ब्रिटेन के रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि लुहांस्क और डोनेस्क पर जल्द कब्जा करने की नीयत से रूस इन मिसाइलों का इस्तेमाल कर रहा है। ये 5.5 टन वजन वाली घातक मिसाइलें हैं। ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय का यह भी मानना है कि अपनी आधुनिक क्रूज मिसाइलों का भंडार बचाए रखने के लिए रूसी सेना इन पुरानी लेकिन घातक मिसाइलों का इस्तेमाल कर सकती है।पूर्वी यूक्रेन में रूसी सेना की बढ़त से भयभीत होकर बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों के लिए भाग रहे हैं। रेलवे स्टेशनों पर बढ़ती भीड़ को देखते हुए युद्ध क्षेत्र से लोगों को निकासी के लिए विशेष ट्रेन चलाई जा रही हैं। पीडि़तों के अनुसार रात-दिन हो रही गोलाबारी और बमबारी से खासतौर पर बच्चे ज्यादा डरे हुए हैं। उन्हें लगातार भूमिगत ठिकानों में रहना पड़ रहा है। उन्हें रात में नींद नहीं आ रही है।यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा है कि रूसी सेना बड़ी संख्या में भारी और आधुनिक हथियारों से लैस है। डोनबास में यूक्रेन की सेना उसे आगे बढ़ने से रोकने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। लेकिन रूसी सेना हर शहर को बर्बाद करती जा रही है। कभी खुशहाल रहे शहरों में अब लाशों और खंडहरों के अलावा कुछ दिखाई नहीं दे रहा। वहां पर मुकाबले के लिए हमें सहयोगी देशों से बड़े हथियार चाहिए।यूक्रेन में पिछले सप्ताह रूसी गोलाबारी में भंडार गृह में रखा करीब तीन लाख टन खाद्यान्न नष्ट हो गया है। यह खाद्यान्न काला सागर के किनारे मिकोलईव बंदरगाह के नजदीक बने गोदाम में रखा था। नष्ट हुआ खाद्यान्न गेहूं और मक्का था। यह जानकारी यूक्रेन के कृषि उप मंत्री टारस वीसोत्स्की ने दी है।
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