रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे संघर्ष का कोई अंत नजर नहीं आ रहा है। वहीं मीडिया खबरों के मुताबिक यूक्रेन की सेना परमाणु ऊर्जा संयंत्रों में पश्चिमी देशों अमेरिका आदि द्वारा प्रदान की गई मिसाइलों और गोला-बारूद का भंडारण कर रही है।
भंडारण में मिसाइलें और बड़े कैलिबर शामिल
रूसी विदेश खुफिया सेवा के निदेशक सर्गेई नारिश्किन के अनुसार, उनको विश्वसनीय डेटा प्राप्त हुआ कि यूक्रेनी सशस्त्र बल यूक्रेन में परमाणु ऊर्जा संयंत्रों के क्षेत्रों पर पश्चिम द्वारा प्रदान किए गए हथियारों और गोला-बारूद का भंडारण कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हथियारों में अमेरिका निर्मित हिमरस लांचर के लिए रॉकेट और विदेशी वायु रक्षा प्रणालियों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली मिसाइलें और बड़े कैलिबर आर्टिलरी शेल शामिल हैं।
पोलैंड यूक्रेन को देना चाहता है दो लैपर्ड टैंक
भारत में रूसी दूतावास ने फेसबुक पर एक वीडियो फुटेज साझा करते हुए कहा कि कीव की योजना स्पष्ट है। यूक्रेनी सेना परमाणु रिएक्टरों को यूक्रेनी नागरिकों के पीछे से अपनी ढाल के रूप में उपयोग कर रही है। जैसा कि रूस-यूक्रेन युद्ध जारी है, रिपोर्ट के अनुसार, पोलैंड जर्मन निर्मित दो छोटे लैपर्ड टैंकों को यूक्रेन में स्थानांतरित करना चाहता था लेकिन इसके लिए उसको जर्मनी की अनुमति जरूरी थी। वहीं आगे कहा कि जर्मनी को पोलैंड से किसी प्रकार का अनुरोध नहीं मिला है।
देरी के कारण यूक्रेन के लोग मारे जा रहे
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार यूरोपियन काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस थिंक टैंक का हवाला देते हुए पोलैंड 13 यूरोपीय देशों में से एक है, जिसकी इन्वेंट्री में जर्मन लैपर्ड के दो टैंक हैं। इसने उन्हें यूक्रेन भेजने की पेशकश की है और अन्य देशों को भी ऐसा करने के लिए मनाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन उन्हें फिर से निर्यात करने के लिए आमतौर पर जर्मनी की अनुमति की आवश्यकता होती है। इस बीच, रविवार को यूक्रेन ने कहा कि वैश्विक अनिर्णय की वजह से अधिक यूक्रेन के लोग मारे जा रहे हैं।