प्रयागराज ! दारागंज निवासी पंडित विजय गोविन्द शर्मा ब्रम्ह में विलीन हुए कात्यायन वीणा के एकमात्र वादक संगीतविज्ञ का विगत मंगलवार को वात्सल्य हॉस्पिटल में इलाज के दौरान 94 वर्ष की अवस्था में वैकुण्ठ लोक गमन हो गया। जिनका अंतिम संस्कार दारागंज श्मसान घाट पर दिन बुधवार को सम्पन्न हुआ मुखाग्नि उनके नाती शाश्वत पाण्डेय ने दिया। पंडित विजय गोविंद शर्मा सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार के अंतर्गत संचालित सॉन्ग एंड ड्रामा डिवीजन बॉम्बे में वरिष्ठ सितार वादक के पद पर कार्यरत थे। वह प्रयागराज आकर प्रयाग संगीत समिति में सितार के प्रोफेसर के रूप में अपना जीवन व्यतीत किया। आजिम खाँ लखनऊ घराने से सम्बंधित पं विजय गोविन्द शर्मा ने संगीत की आरंभिक शिक्षा अपने दादा स्व० पं इमिलिया दीन करमहा से लिया तत्पश्चात तीन बार राष्ट्रपति सम्मान से सम्मानित मथुरा रेडियो स्टेशन के संस्थापक संगीत शिरोमणि सन्त डी आर पर्वतीकर महाराज के सानिध्य में 10 वर्षों तक बद्रिकाश्रम के आश्रम में रहकर संगीत की साधना किया। पं विजय गोविन्द सितार वादक के साथ कई अन्य वाद्ययन्त्रों के जानकार थे। स्वर व राग में इनकी बहुत अच्छी पकड़ थी और यह कात्यायन वीणा जिसको कश्यप वीणा और बाण भी कहते हैं जो कुछ स्वर मण्डल व हार्प सा दिखता है के एकमात्र वादक थे। इनके निधन से यह कात्यायन वीणा भी अब लुप्तप्राय है।
ऐसे संगीत में निपुण और कर्मठ व्यक्ति के जाने से केवल प्रयागराज ही नहीं अपितु सम्पूर्ण भारतीय जनमानस और शास्त्रीय संगीत प्रेमियों के लिए एक अपूर्णीय क्षति है ।