पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। डोनाल्ड ट्रंप को 1990 के दशक में एक महिला के साथ दुष्कर्म के आरोपों का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लेखक जीन कैरोल द्वारा किए गए दावों को चुनौती देने के लिए एक दीवानी मुकदमे में गवाही नहीं देंगे।दरअसल, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर लेखक ई. जीन कैरोल ने 1990 के दशक की शुरुआत में उसके साथ दुष्कर्म का आरोप लगाया था। कैरोल का कहना था कि ट्रंप ने अक्टूबर 2022 में अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ऐसा करने का दावा कर उनकी छवि को खराब किया है। वहीं, ट्रंप के वकील जोसेफ टैकोपिना ने जज को बताया कि ट्रंप ने मैनहटन संघीय अदालत में सुनवाई में गवाही देने के अपने अधिकार को माफ कर दिया था और इस मामले में बचाव पेश नहीं करने का विकल्प चुना था।
टैकोपिना ने एक बयान में कहा कि ट्रंप की कानूनी टीम ने गुरुवार को अदालत को पहले ही बता दिया था कि पूर्व राष्ट्रपति इस मामले में गवाही नहीं देंगे। यूएस डिस्ट्रिक्ट जज लुईस कपलान ने टैकोपिना से ट्रंप को सूचित करने के लिए कहा कि उनके पास रविवार शाम 5 बजे (स्थानीय समयानुसार) तक अदालत को बताना है कि क्या वह गवाही देना चाहते हैं। जज लुईस ने सोमवार के लिए दोनों पक्षों की ओर से समापन बहस निर्धारित की है।
बता दें कि 79 वर्षीय कैरोल ने पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप के खिलाफ पिछले साल मुकदमा दायर किया था, जिसमें दावा किया गया था कि उन्होंने 1995 या 1996 में मैनहट्टन के बर्गडॉर्फ गुडमैन डिपार्टमेंटल स्टोर में एक ड्रेसिंग रूम में उनके साथ दुष्कर्म किया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि ट्रंप ने उनकी छवि को भी खराब किया था।
उल्लेखनीय है कि ट्रंप ने 2017 से 2021 तक राष्ट्रपति के रूप में सेवा की और 2024 में रिपब्लिकन अमेरिका के राष्ट्रपति पद के नामांकन की दौड़ में सबसे आगे हैं। इससे पहले मैनहट्टन संघीय जूरी के लिए बुधवार को चलाए गए एक बयान वीडियो में लेखक ई. जीन कैरोल से दुष्कर्म से इनकार किया था। वहीं, डोनाल्ड ट्रम्प ने परीक्षण के दौरान दर्ज गवाही में दुष्कर्म के दावे को ‘हास्यास्पद’ कहानी बताया था।