प्रयागराज। जय शिव सेना भारत के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओंकार नाथ त्रिपाठी ने काशी के ज्ञानवापी मन्दिर विवाद के सम्बंध में कहा है कि न्याय के लिए दिए जाने वाले प्रार्थना पत्रों व फैसलों में जल्दबाजी से न्याय हेतु दिये गये फैसलों के अनुपालन में कठिनाई आ सकती है।
उन्होंने बताया कि एक तरफ वाराणसी में बाबा विश्वेश्वरनाथ मंदिर के निकट ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में उनका एक प्रतिरूप शिवलिंग कथित मस्जिद परिसर में बने हौज में मिला है। उस हौज वाले स्थान को वजू खाना और शिवलिंग भगवान को फुहारा कह कर सच्चाई को बहकाने की कोशिश मंदिर के विपक्षियों द्वारा की जा रही है। यद्यपि एडवोकेट कमिश्नर के प्रार्थना पर न्यायालय ने उक्त स्थल को सील करने का आदेश दिया और सील भी कर दिया गया। इसके साथ ही भारी सुरक्षा बल भी प्रशासन ने न्यायालय के आदेश पर लगा दिया है।
श्री त्रिपाठी ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने वाराणसी के न्यायाधीश के सर्वे सम्बंधी अधिकारों में कोई हस्तक्षेप नहीं किया है। किन्तु उक्त कथित ज्ञानवापी मस्जिद में नमाज पढ़ने की अनुमति दे दी है। नमाज की अनुमति पाने के बाद विपक्षी नमाज के पहले वजू करने के लिए उक्त वजू खाना जाने की अवैधानिक जिद कर सकते हैं। यद्यपि उन्हें ऐसा करना नहीं चाहिए। न्यायालय के अंतिम फैसले का इंतजार दोनों पक्षों को करना चाहिए।