दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एस. मुरलीधर के स्थानांतरण के समय को लेकर बृहस्पतिवार को विवाद पैदा हो गया। कांग्रेस ने कहा कि ‘‘मध्य रात्रि’’ में अधिसूचना जारी किया जाना ‘‘शर्मनाक’’ है, वहीं केंद्र सरकार ने विपक्षी दलों पर ‘‘नियमित’’ स्थानांतरण का राजनीतिकरण करने के आरोप लगाए। न्यायमूर्ति एस. मुरलीधर ने कथित नफरत भरे भाषण के लिए भाजपा के तीन नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज नहीं करने को लेकर पुलिस की आलोचना की थी। केंद्रीय कानून मंत्रालय ने बुधवार की रात को तीन अलग अधिसूचनाएं जारी कर न्यायमूर्ति मुरलीधर और दो अन्य न्यायाधीश बंबई उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति रणजीत वसंतराव मोरे और कर्नाटक उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति रवि विजय कुमार मलीमथ का तबादला कर दिया था। न्यायमूर्ति मुरलीधर का तबादला पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में किया गया है।
अधिसूचनाओं में कहा गया कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भारत के प्रधान न्यायाधीश से विचार-विमर्श कर तबादलों को मंजूरी दी। दिल्ली उच्च न्यायालय में तीसरे सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश मुरलीधर का तबादला ऐसे दिन हुआ जब उन्होंने भाजपा के नेता प्रवेश वर्मा, कपिल मिश्रा और अनुराग ठाकुर पर कथित नफरत भरे भाषण को लेकर पुलिस द्वारा प्राथमिकी दर्ज करने में विफलता पर ‘‘क्षोभ’’ जाहिर किया था। केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के कॉलेजियम की अनुशंसा पर न्यायमूर्ति मुरलीधर का तबादला किया गया। उन्होंने विपक्षी दलों पर आरोप लगाया कि वे नियमित तबादले का राजनीतिकरण कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्थानांतरण में ‘‘स्थापित प्रक्रिया’’ का पालन किया गया है। भाजपा के संवाददाता सम्मेलन में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि कॉलेजियम की अनुशंसा के मुताबिक तबादला किया गया है।अनुशंसा 12 फरवरी को की गई थी। कांग्रेस ने आरोप लगाए कि न्यायमूर्ति मुरलीधर का तबादला दिल्ली हिंसा मामले में भाजपा के कुछ नेताओं को बचाने के लिए किया गया और न्यायपालिका के खिलाफ सरकार की ‘‘धमकी और बदले की राजनीति’’ का पर्दाफाश हो गया।कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह न्याय को ‘‘दबाने’’ का प्रयास कर रही है और ‘‘न्यायपालिका में लोगों का भरोसा तोड़ रही है।’’ उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘मध्य रात्रि में न्यायमूर्ति मुरलीधर का तबादला वर्तमान सरकार के समय में कोई चौंकाने वाली बात नहीं है लेकिन निश्चित तौर पर यह शर्मनाक और दुखद है।’’ मुरलीधर के तबादले पर कांग्रेस के पूर्व प्रमुख राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘बहादुर न्यायाधीश लोया को याद करता हूं जिनका तबादला नहीं किया गया।’’ सीबीआई के विशेष न्यायाधीश बी एच लोया सोहराबुद्दीन शेख फर्जी मुठभेड़ मामले की सुनवाई कर रहे थे और एक दिसम्बर 2014 को कथित रहस्यमय परिस्थितियों में उनकी मौत हो गई। न्यायमूर्ति मुरलीधर के तबादले पर कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार न्यायपालिका के खिलाफ ‘‘बदले की लड़ाई लड़ रही है।’’