नैनी प्रयागराज/ नैनी गुरुद्वारा संगत द्वारा सिखों के चौथे गुरु साहिब श्री गुरु रामदास जी का प्रकाश उत्सव बड़ी ही श्रद्धा के साथ मनाया गया गुरुद्वारा साहिब में संध्याकाल से ही श्रद्धालुओं ने फूल,मालाएं,पुष्प लेकर श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के आगे शीश झुका कर माथा टेका औरउन
का आशीर्वाद प्राप्त किया श्रद्धालुओं ने पंक्ति बध बैठकर शब्द-कीर्तन,गुरु इतिहास का श्रवण कियाl पंथ के प्रसिद्ध रागी जत्थे ने गुरु इतिहास का वर्णन करते हुए बताया कि साहिब श्री गुरु रामदास जी ने सिख धर्म के श्रद्धालुओं के विवाह के लिए आनंद कारज 4 फेरे (लावा) की रचना की और सिक्खो को गुरुमत मर्यादा के बारे में बतायाl ‘हरमंदिर साहिब’ की नींव भी इनके कार्यकाल में रखी गई थी.गुरु जी ने ‘हरमंदिर साहिब’के चारों और की दिशा में द्वार बनवाए थे.यह हरमंदिर साहिब’हर धर्म,जाति,लिंग
के व्यक्ति के लिए खुला है और कोई भी यहां कभी भी किसी भी वक्त आ जा सकता है. साहिब श्री गुरु रामदास जी ने 30 रागों में 638 भजनों का लेखन किया था.अर्थ रात्रि तक गुरु दरबार साध संगत से सजा रहा गुरु दरबार में एक अलग ही मनोहर,अलौकिक छटा बिखर रही थीl
शब्द-कीर्तन,गुरुइतिहास,अरदास, हुकुमनामा उपरांत गुरु का लंगर अर्ध रात्रि तक श्रद्धालुओं ने बड़े ही प्रेम पूर्वक छकाl ज्ञानी जसपाल सिंह, कृपाल सिंह,रंजीत सिंह,देवेंदर अरोड़ा,सुरेंद्र सिंह,जेएस चावला,परमिंदर सिंह बंटी,हरजीत सिंह ढींगरा,वरयाम सिंह,चरनजीत सिंह,गुरनाम सिंह,
सतनाम सिंह, हरप्रीत कौर,किरन कौर,सरदार पतविंदर सिंह,हरमन जी सिंह, दलजीत कौर सहित बड़ी संख्या में सेवादार रहेl