नेत्रहीनता की रोकथाम सम्बन्धी कार्यक्रमों की शुरुआत

नेत्रहीनता की रोकथाम सम्बन्धी कार्यक्रमों की शुरुआत विश्व में सबसे पहले भारत नें की थी फिर भी नेत्रहीनों की संख्या लगातार बढ़ रही है। यह बातें समदृष्टि, क्षमता विकास एवं अनुसंधान मण्डल (सक्षम) के प्रान्त कार्यकारिणी सदस्य राजेश पांडेय  नें कही। वह आज दांदूपुर स्थित समदरिया स्कूल ऑफ स्पेशल एजुकेशन में सक्षम द्वारा आयोजित त्रिदिवसीय निःशुल्क नेत्र जांच एवं चश्मा वितरण कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि अंधापन से बचाव के लिए दुनिया में पहली बार सन 1963 में भारत ने ट्रेकोमा नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम संचालित किया था तदुपरान्त 1976 में इसका नाम बदल कर दृष्टिहीनता नियंत्रण कार्यक्रम संचालित किया गया। दुर्भाग्य है कि देश में नेत्र रोगियों की संख्या निरन्तर बढ़ती ही गयी।
        बतौर विशिष्ट अतिथि सचिव सक्षम काशी प्रान्त प्रयागदत्त तिवारी ने कहा कि जन चेतना के अभाव में नेत्र रोगियों की निरंतर संख्या बढ़ी है। देश के 13 लाख नेत्रहीनों में 8 लाख से ऊपर की आबादी गाँवो में रहती है। ग्रामीणांचल में संसाधनों के अभाव तथा जन जागरूकता न होने के कारण नेत्र समस्या का विस्तार ज्यादा हुआ।
     अध्यक्षीय उद्बोधन करते हुए मोतीलाल नेहरू डिग्री कॉलेज के प्राचार्य डॉ मणि शंकर द्विवेदी ने नेत्र संरक्षण हेतु स्वयं के प्रयास पर बल दिया तथा पौराणिक तथ्यों की चर्चा करते हुए वर्तमान मे उसकी प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला।
             गौरतलब है कि समदरिया स्कूल में सक्षम के सौजन्य से त्रिदिवसीय नेत्र परीक्षण एवं चश्मा वितरण कार्यक्रम संचालित हुआ। कुल 381 नेत्र रोगियों का परीक्षण किया गया तथा अधिकांश को निःशुल्क चश्मा भी दिया गया। शिविर संयोजन राजेश मिश्र ने संभाला  तथा ऑप्टोमेट्रिस्ट सुरेंद्र प्रताप सिंह एवं आशीष कुमार ने आधुनिक विधि से नेत्र परीक्षण संपन्न कराया।
       इस अवसर पर प्रमुख रूप से सत्येंद्र सिंह, डॉ अम्बिका पांडेय, डॉ मधुकराचार्य त्रिपाठी, पंडित ओम प्रकाश पांडेय, कामोद त्रिपाठी, दिनेश मिश्र, एडवोकेट दिलीप कुमार, प्रभात कुमार शुक्ल, राघवेंद्र प्रताप सिंह, राम हर्ष यादव, आर. बी. सिंह, डॉ बबली द्विवेदी, किरन शर्मा, राना मिश्र, लाल बाबू मिश्र, रुचिता केसरवानी, शैफाली सिंह, काजोल शर्मा, शायरा बानो, सौम्या द्विवेदी, प्रभाकराचार्य त्रिपाठी, राम लोचन शुक्ल आदि प्रभृति जन उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन शिखा मिश्रा तथा आभार ज्ञापन आर. एन. कौशल ने किया।

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