निशान लेकर गजराज पर कमांडेंट, घोड़ों पर सवार होकर निकले कैप्टन

आयुध भंडार किले से शनिवार को सेना की ओर से निकाली गई निशान शोभायात्रा में शाही अंदाज देखते बना। हाथी, घोड़े, बग्घी से सुसज्जित इस शोभायात्रा में बाजेगाजे के साथ सात से अधिक निशान लेकर अफसरों की टोलियां निकलीं तो लोग देखते रह गए। इसी के साथ माघ मेले में निशान शोभायात्रा निकाले जाने की 440 साल पुरानी परंपरा एक बार फिर जीवंत हो उठी। यह शोभायात्रा वसंत पंचमी के दूसरे हफ्ते निकाली जाती है।

वैदिक रीत रिवाज से पूजन के बाद हाथी को तिलक लगाकर मां गंगा की पूजा के लिए निशान शोभायात्रा निकाली गई। बाजे गाजे के साथ हाथी, घोड़े और पालकी से सुसज्जित सेना की निशान शोभायात्रा का नेतृत्व कमांडेंट कर्नल मनी सिंह ने किया।भारतीय सेना के आयुध डिपो के आदर्श वाक्य नाम, नमक और निशान को आत्मसात करते हुए निकाली गई इस शोभायात्रा में कमांडेंट हाथी पर सवार थे। इनके आगे चार घोड़ों पर आईएसओ कैप्टन देवांशु, प्रशासनिक अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल विनोद भैलोठिया,मेजर मनोज सवार थे। किले के कर्मचारियों की ओर से तैयार किए गए झंडे को लेकर अफसर निकले।पहले दस्ते में एडम अनुभाग के अलावा सीसीएमई, आईटीएस, यार्ड, फायर ब्रिगेड, आईएसओ ग्रुप के अफसर घोड़े पर सवार होकर अपने झंडे के निशान के साथ चल रहे थे। दूसरे दस्ते में डिप साइड से उप समादेशक मेजर निशांत तिवारी की अगुवाई में मेजर एसएस महल, कैप्टन नीरज राठौर भी घोड़े पर सवार होकर अपने ग्रुप के सैनिक और असैनिक कर्मियों का नेतृत्व कर रहे थे।

इसी शोभायात्रा में डिपो की प्रथम महिला और समादेशक की पत्नी डॉ. पुनीत कौर भी बग्घी पर सवार होकर निकलीं। इनके अलावा उप समादेशक की पत्नी मौसम अधिकारी भावना वर्मा, डॉ. रीना, और आशा मनोज ने भी उत्साह से इस यात्रा में हिस्सा लिया। संगम नोज पहुंचने पर सेना के धर्मगुरु ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूजा कराई। यहां कमांडेंट ने आयुध भंडार की समृद्धि के लिए मां गंगा से प्रार्थना की। उन्होंने जवानों को लगन के साथ और बेहतर कार्य करने का संदेश दिया। इस दौरान रास्ते भर सेना के जवानों ने ही सुरक्षा व्यवस्था संभाली।

किला आयुध डिपो को चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ सर्टिफिकेट अवार्ड

इस शोभायात्रा के दौरान भारतीय सेना की ओर से आयुध भंडार प्रयागराज को चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ सर्टिफिकेट ऑफ एप्रिसिएशन से नवाजा गया। यह प्रमाणपत्र मिलने से किले के सैनिक और असैनिक कर्मचारियो में गर्व और उत्साह और भी दुगना हो गया।

Related posts

Leave a Comment