दिल्ली उच्च न्यायालय ने निर्भया सामूहिक बलात्कार-हत्या मामले में चारों दोषियों की फांसी पर लगी रोक को चुनौती देने वाली केन्द्र की याचिका पर सुनवाई हुई जिसमें अदालत ने फैसला सुरक्षित रखा। निर्भया सामूहिक बलात्कार एवं हत्या मामले में चार दोषियों ने रविवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में दलील दी कि चूंकि उन्हें एक ही आदेश के जरिए मौत की सजा सुनाई गई है, इसलिए उन्हें एक साथ फांसी देनी होगी और उनकी सजा का अलग-अलग क्रियान्वयन नहीं किया जा सकता। सॉलिसिटर जनरल मेहता ने उच्च न्यायालय से कहा कि पवन गुप्ता जानबूझकर सुधारात्मक या दया याचिका दायर नहीं कर रहा। यदि निचली अदालत का आदेश बरकरार रहता है तो पवन सुधारात्मक या दया याचिका दायर कर सकता है, अन्य को फांसी नहीं दी जाएगी।
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