नए तथ्य की खोज में शोध की महत्वपूर्ण भूमिका- प्रो0 पाण्डेय

मुक्त विश्वविद्यालय में पाँच दिवसीय कार्यशाला का समापन
प्रयागराज।
नए तथ्य की खोज एवं समाज के विकास में शोध की महत्वपूर्ण होती है। शोध हमें नयी तकनीक का ज्ञान एवं उससे परिचित कराती है।  उक्त उद्गार
उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय, प्रयागराज में रजत जयंती वर्ष के अवसर पर विज्ञान विद्याशाखा के तत्वावधान में पांच दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला के समापन सत्र के मुख्य अतिथि प्रो0 के0बी0 पाण्डेय, पूर्व अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग एवं पूर्व कुलपति, कानपुर विश्वविद्यालय ने व्यक्त किए।
उन्होंने शोध में प्रयुक्त होने वाले आंकड़ों की महत्ता एवं उसके विश्लेषण पर विशेष प्रकाश डाला।
 लोकमान्य तिलक शास्त्रार्थ सभागार में आयोजित समापन सत्र के अध्यक्षीय उद्बोधन में प्रो0 पी0पी0 दुबे, निदेशक, कृषि विज्ञान विद्याशाखा ने विश्वविद्यालय में शोध एवं उसकी गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने के लिए कहा। प्रो0 दुबे ने सांख्यिकी एवं शोध द्वारा समाज में परिवर्तन एवं उसकी उपयोगिता पर विशेष बल दिया। उन्होंने अपने उद्बोधन में शोध छात्रों को ऐसे विषयों को चुनने के लिए कहा जो सामाजिक सरोकार को परिपूर्ण कर सके।
कार्यशाला निदेशक, प्रो0 आशुतोष गुप्ता ने साफ्टवेयरों एवं नयी तकनीक का शोध में उपयोग एवं उसकी गुणवत्ता कैसे बढ़ाई जाए इस पर प्रकाश डाला। प्रारंभ में अतिथियों का स्वागत कार्यशाला के सह-संयोजक प्रो ए के मलिक ने किया। कार्यशाला की आख्या आयोजन सचिव डॉ गौरव संकल्प ने प्रस्तुत की। समापन सत्र का संचालन आयोजन सचिव डॉ दिनेश कुमार गुप्ता एवं धन्यवाद ज्ञापन संयोजक डॉ श्रुति ने किया।
पांच दिवसीय कार्यशाला में रिसोर्स पर्सन के रूप में प्रोफेसर ज्ञान प्रकाश सिंह, बीएचयू एवं प्रोफेसर एस ए अंसारी, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, डॉ अनूप कुमार, एसजीपीजीआई, लखनऊ तथा डॉ अमित कुमार मिश्रा, बीबीएयू, लखनऊ, डॉ अजहर अली खान, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, डॉ श्रुति, डॉ गौरव संकल्प एवं डॉ मनोज कुमार बलवंत के व्याख्यान हुए। कार्यशाला में देश के 8 राज्यों महाराष्ट्र, झारखंड, नई दिल्ली, बिहार, हरियाणा, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के लगभग 70 प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया। कुलपति प्रोफेसर सीमा सिंह ने कार्यशाला की सफलता पर आयोजक मंडल को साधुवाद दिया।

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