ध्यान रखें मूर्ति स्थापना का मुहूर्त, इनका रखें खास ख्याल

गणेशोत्सव की शुरुआत 19 सितंबर यानी मंगलवार से होने जा रही है। भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से गणेशोत्सव मनाया जाता है। गणेशोत्सव के साथ ही घर घर में और पंडालों में विघ्नहर्ता गणेश जी की मूर्ति की स्थापना की जाती है। इस वर्ष भी गणेश उत्सव धूम धाम से मनाया जाएगा। गणेशोत्सव का समापन अनंत चतुर्दशी के साथ 28 सितंबर को होगा

गणेश उत्सव देश के कई राज्यों में धूम धाम के साथ मनाया जाता है। हालांकि देश भर की अपेक्षा महाराष्ट्र में गणेशोत्सव की धूम अलग ही तरह से देखने को मिलती है। सार्वजनिक गणेश उत्सव की शुरुआत महाराष्ट्र की पुणे शहर से हुई थी। इसे महाराष्ट्र में गणेश उत्सव की अलग ही धूम होती है। महाराष्ट्र के अलावा महाराष्ट्र के अलावा गुजरात मध्य प्रदेश उत्तर प्रदेश आदि राज्य में भी गणेश उत्सव उत्साह के साथ मनाया जाता है।

इस वर्ष यह है गणेश उत्सव का शुभ मुहूर्त

गणेश उत्सव हर वर्ष धूमधाम से मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी के दिन लोग बेहद खुशी और उत्साह उमंग के साथ में विघ्नहर्ता गणेश भगवान को अपने घर लाते हैं। ढोल नगाड़ों के साथ नाचते गाते भगवान गणेश जी की अपने घर में या फिर सार्वजनिक पंडाल में स्थापना की जाती है। उसके बाद गणेश भगवान का विधि विधान से पूजन होता है। बता दे कि इस वर्ष भाद्रपद शुक्ल की चतुर्थी तिथि 18 सितंबर 2023 की दोपहर 12:39 से शुरू होगी जो 19 सितंबर की दोपहर 1:43 तक जारी रहेगी। इसमें भगवान गणेश की स्थापना का शुभ मुहूर्त 19 सितंबर की सुबह 11:00 बजे से दोपहर 1:28 तक है।

चतुर्थी के दिन चंद्रमा के दर्शन है वर्जित

हिंदू धर्म के अनुसार गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा के दर्शन नहीं किए जाते हैं। माना जाता है कि गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा को देखने से व्यक्ति पर काफी परेशानी आती है उसे झूठ कलंक के आरोप से जूझना पड़ सकता है। ऐसे में चंद्रमा के दर्शन नहीं करने चाहिए। हालांकि अगर भूल से कोई व्यक्ति चंद्रमा के दर्शन इस दिन करता है तो उसे कृष्ण स्यमंतक कथा पढ़नी चाहिए, जिससे उसकी भूल भगवान गणेश माफ कर देते है।

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