हिंदू धर्म में सावन के महीने का विशेष महत्व होता है। सावन का महीना भगवान शंकर को समर्पित होता है। इस माह में विधि- विधान से भगवान शंकर की पूजा- अर्चना करनी चाहिए। भगवान शंकर की कृपा से शनि दोषों से मुक्ति मिल जाती है। इस समय धनु, मकर और कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती और मिथुन, तुला राशि पर शनि की ढैय्या चल रही है। शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से पीड़ित लोगों के लिए सावन का महीना बहुत महत्वपूर्ण होता है। धनु, मकर, कुंभ , मिथुन और तुला राशि वालों को सावन के महीने में विधि- विधान से भगवान शंकर की पूजा- अर्चना करनी चाहिए। ऐसा करने से शनि दोषों से मुक्ति मिल जाएगी और भगवान शिव की विशेष कृपा बरसने लगेगी।
रोजाना करें भगवान शंकर का जलाभिषेक
- भगवान शिव का रोजाना जलाभिषेक करने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। सावन के महीने में रोजाना शिवलिंग पर जल अर्पित करें। ऐसा करने से आपको भगवान शिव का विशेष आर्शीवाद प्राप्त होगा और शनि दोषों से मुक्ति भी मिल जाएगी। अगर गंगा जल है तो गंगा जल से भगवान शंकर का अभिषेक करें।
भगवान शंकर की उपासना करें
- सावन के माह में भगवान शिव की विशेष उपासना की जाती है। इस माह में भगवान शंकर का अधिक से अधिक ध्यान करें। शिव चालीसा का पाठ करें।भगवान राम के नाम का संकीर्तन करें
- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान शंकर हमेशा मां पार्वती के साथ भगवान राम के नाम का संकीर्तन करते रहते हैं। भगवान शिव उन भक्तों से बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं जो भगवान राम के नाम का संकीर्तन करते हैं। भगवान राम के नाम का संकीर्तन करने से कलयुग के जागृत देवता और भगवान श्री राम के सबसे बड़े भक्त हनुमान जी की भी विशेष कृपा प्राप्त होती है।इस मंत्र का जप करें
- ऊॅं नम: शिवाय मंत्र का जप करने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान शंकर हमेशा मां पार्वती के साथ भगवान राम के नाम का संकीर्तन करते रहते हैं। भगवान शिव उन भक्तों से बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं जो भगवान राम के नाम का संकीर्तन करते हैं। भगवान राम के नाम का संकीर्तन करने से कलयुग के जागृत देवता और भगवान श्री राम के सबसे बड़े भक्त हनुमान जी की भी विशेष कृपा प्राप्त होती है।इस मंत्र का जप करें