हंडिया। धनुपूर के चकिया गिर्दकोट व आमेपुर गांव में कागजों पर तालाब की खुदाई की जा रही थीं। खंड विकासधिकारी ने वित्तीय घोटाले में शामिल रोजगार सेवक, ग्राम विकासधिकारी व रोजगार सेवक के उपर कार्यवाही की बात कही है। खंडविकासधिकारी की कार्यवाही से हड़कंप मचा हुआ है।
व्यापक पैमाने पर रोजगार सेवक, तकनीकी सहायक व ग्राम विकास अधिकारी द्वारा वित्तीय अनियमितता की शिकायत पर खंडविकासधिकारी गौरवेंद्र सिंह ने चकिया गिर्दकोट, आमेपुर व बलीपुर गांव में तालाब खुदाई स्थल का निरीक्षण अपने सहयोगियों के साथ किया। चकिया गिर्दकोट गांव में तालाब की खुदाई नही की जा रही थीं जबकि खुदाई के नाम पर पैसे निकाले जा रहें थे। गांव में तैनात ग्राम विकासधिकारी संजय यादव, रोजगार सेवक मंगला प्रसाद व तकनीकी सहायक रत्नेश चंद्र तालाब खुदाई के नाम पर वित्तिय अनियमितता कर रहें थे। गांव में बनाई गई अमृत वाटिका में केवल चार पौधे लगाए गए थे जबकि गेट नही लगाया गया था। आमेपुर गांव में रोजगार सेवक अनिल कुमार द्वारा कागजों पर तालाब की खुदाई कराई जा रही थीं। आमेपुर गांव निरीक्षण के दौरान तालाब खुदाई स्थल पर कोई नही मिला। खंड विकासाधिकारी गौरवेंद्र सिंह ने दोषियों के उपर कार्यवाही की बात कही है। मामले में डीपीआरओ आलोक सिन्हा ने बताया कि मामले की जानकारी नहीं है। पता करके फोन करता हु । जबकि ग्रामीणों का कहना है कि डीपीआरओ की मिलीभगत से मामले को रफा दफा करने की कोशिश की जा रही है।