देश में श्रीराम मंदिर माॅडल के साथ विहिप 25 मार्च से करेगी शोभायात्रा

प्रयागराज। माघ मेला में विहिप की केन्द्रीय मार्गदर्शक मण्डल की हुई बैठक में सोमवार को चार प्रमुख विन्दुओं पर निर्णय लिया गया। जिसमें प्रमुख रूप से 25 मार्च से 7 अप्रैल तक देश के विभिन्न क्षेत्रों में हर्षोउल्लास के साथ लाखों गांवों में रामोत्वस मनाने का निर्णय लिया गया है। उक्त जानकारी विहिप के राष्ट्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे ने दी।
उन्होंने कहा कि सबसे पहले राम जन्म भूमि को न्यायालय के निर्णय आने के बाद देश वासियों ने संयम के साथ स्वागत किया। संगठन ने यह निश्चय किया है कि सरकार द्वारा 9 फरवरी तक राम मंदिर के लिए ट्रस्ट गठन होने तक हम कुछ भी नहीं करेंगे। लेकिन इसके बाद 25 मार्च से 7 अप्रैल यनी हनमुान जयन्ती तक एतिहासिक राम जन्म निर्णय को लेकर पूरे देश में राम मंदिर माण्डल के चित्र के साथ लाखों गांवों तक शोभा यात्रा निकालेगे। यह निर्णय पूज्य सन्तों ने लिया है।
दूसरा महत्वपूर्ण निर्णय नागरिकता संसोधन अधिनियम सरकार ने लाया है। वह करोड़ो हिन्दुओं, उनकी बहू बेटियों के सम्मान की रक्षा के लिए है। तीनों मुस्लिम देशों में सताए गए हिन्दू, बौध, जैन, पारसी, सिख को नागरिकता देने के लिए लाया गया है। यह कानून किसी की नागरिकता छीनने वाला नहीं है। इसके लिए सरकार को साधूवाद के साथ मंगल कामना करते है। इसका प्रचारकृप्रसार का निर्णय लिया गया है।
तीसरा निर्णय पश्चिमी भोगवाद के कारण समाज में जो विक्रितिया पैदा हुई है। जिसके चलते हिन्दु धर्म से इसाई धर्मान्तरण के संस्करों को बढ़ावा मिला है। जिससे देश को खण्डकृखण्ड करने की साजिश हो रही है। इसे रोकने के लिए कार्ययोजना तैयार की जाएगी। चैथा धर्मान्तरण का विरोध करने के साथ ही अपने धर्म के प्रचार प्रसार के लिए काम किया जाएगा।
अखिलेश्वरानन्द महाराज ने कहा कि 9 फरवरी तक हम केन्द्र सरकार के द्वारा न्याय बनाए जाने का प्रतीक्षा करेंगे। उसके बाद राम नवमी से हनुमान जयंती तक महत्वपूर्ण प्रतिक्रिया करेंगे। पांच सौ वर्षो के परिश्रम के बाद राम जन्म भूमि का निर्णय आया है। सरकार के न्यास गठन बाद 5 लाख 75 हजार गांव तक जनजागरण यात्रा निकालेगे देश भर में अभियान चलाएगें। सीएए विधेयक लागू होने से कुछ लोग है जो देश में माहौल खराब कर रहें है। इसे लेकर जागरूकता अभियान चलाएंगे। किसी धर्म एवं पूजा पद्यति से हमरा कोई विरोध नहीं है। संतों ने तय किया है कि नागरिका कानून को लेकर जागरूकता करेंगे, धर्मान्तरण को रोकने का पूरा प्रयास करेंगे। हम दूसरे धर्मो में चले जाने वाले ऐसे लोगों को परावर्तन करके हिन्दु धर्म में लाएगे और उन्हें संस्कारित करने जैसी योजना तैयार की गई है। बैठक की अध्यक्षता स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने किया। बैठक में प्रमुख रूप से अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेन्द्र गिरी, परमानन्द महाराज,फूलडेल महाराज, जितेन्द्रानन्द महाराज, साध्वी प्रज्ञा भारती, राम विलास दास, डा.रामेश्वरादास, हरिहर दास, रामानन्द महाराज, जगदगुरू माध्वाचार्य, डा. श्यामदेवाचार्य, रामानुजा चार्य समेत लगभग ढाई सौ संत शामिल हुए।

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