दीवानगंज मे राष्ट्रीय कवि सम्मेलन मे बही साहित्यिक धार, हुआ सम्मान

लालगंज, प्रतापगढ़। सांगीपुर क्षेत्र के दीवानगंज बाजार मे बुधवार की रात्रि कौमी एकता की मजबूती को लेकर राष्ट्रीय कवि सम्मेलन मे राष्ट्रीयता की धार बही दिखी। कवि सम्मेलन का शुभारंभ ब्लाक प्रमुख अशोक सिंह बब्लू ने सरस्वती मां के चित्र पर माल्यार्पण कर किया। कवि प्रमोद द्विवेदी लंठ ने सरस्वती वंदना कर काव्य सरिता को आगाज दिया। अंजनी अमोघ ने पढ़ा गौरवशाली इतिहास हमारा, शीश हिम विराजता से लोगों का समर्थन जुटाया। अभिमन्यु तरंग ने बेटियों पर दर्द बयां करते हुए पढ़ा कि चौखट से भी जहां बेटियां गायब होती रहती है को भी लोगों ने खूब सराहा। कवयत्री वंदना शुक्ला ने मोहब्बत मे बेवफाई पर वार किया- जो राह एक चलते साथी हो जाते है, कुछ लोग मोहब्बत मे बागी हो जाते है। आशुतोष आशु की भी रचना सराही गई तो अनूप त्रिपाठी ने चुनाव आते ही नेतागण फलसफा बताते है से लोगों मे गुदगुदी पैदा की। सौरभ ओझा ने पढ़ा- किसी की अंधी आंख का सहारा बना देना, किसी डूबते हुए का एक किनारा बना देना भी लोगों को पसंद आया। नामचीन कवि अनूप प्रतापगढ़ ने पढ़ा- तू इसे मत चुरा ये मेरे मेहनत की दौलत है, मरने के बाद तो पूरी कमाई छोड जाऊँगा…. मे खासी संजीदगी का माहौल दिखा। कार्यक्रम मे समाजसेवी संजय शुक्ल व अंजली सिंह ने भी काव्यपाठ किया। आयोजन समिति द्वारा ब्लाक प्रमुख अशोक सिंह बब्लू, युवा कांग्रेस के जिलाध्यक्ष सुधीर तिवारी व राजकुमार तिवारी समेत साहित्यकारों को भी सम्मानित किया गया। अध्यक्षता वरिष्ठ कवि प्रमोद दुबे ने किया। संचालन प्रख्यात कवि बिहारी लाल अंबर ने किया। कार्यक्रम के संयोजक रमेन्द्र मिश्र व अजय सिंह ने अतिथियो का स्वागत एवं आभार प्रदर्शन किया। 

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