नयी दिल्ली। फिल्म ‘‘छपाक’’ की निर्देशक मेघना गुलजार ने सोमवार को कहा कि अभिनेत्री दीपिका पादुकोण का जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) जाकर हमले के शिकार छात्रों के प्रति एकजुटता प्रकट करना उनका निजी फैसला था। उन्होंने निजी और पेशेवर जीवन को अलग रखने की जरूरत बताई। मेघना गुलजार ने दर्शकों से भी अनुरोध किया कि वे ‘‘नजरिया बदलें’’ और तेजाब हमले की शिकार लक्ष्मी अग्रवाल की जिंदगी पर फिल्म बनाने के कारण को देखें। ‘‘छपाक’’ फिल्म में दीपिका मुख्य भूमिका में है। यह फिल्म उस समय राष्ट्रीय सुर्खियों में आयी जब दीपिका ‘‘छपाक’’ के प्रदर्शन से तीन दिन पहले जेएनयू परिसर में गईं। हालांकि, उन्होंने वहां पर कुछ नहीं कहा। इसको लेकर दीपिका को प्रशंसा के साथ-साथ आलोचना का भी सामना करना पड़ा। मेघना ने दिए साक्षात्कार में दीपिका के जेएनयू जाने के मुद्दे पर कहा, ‘‘हमें निजी और पेशेवर जीवन को अलग करने में सक्षम होना चाहिए। कोई अपनी निजी जिंदगी में क्या करता है और पेशेवर की तरह फिल्म में क्या करता है, उसे अलग-अलग देखना चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ जब वे निजी और पेशेवर पहलुओं को अलग करने की कोशिश कर रहे हैं और अगर कोई इस नजरिये में हल्का बदलाव कर यह देखता है कि आखिरहमने क्यों फिल्म बनाई, जिसे हम केंद्र में लाना चाहते हैं… मेरा मानना है कि वह महत्वपूर्ण है।’’ उल्लेखनीय है कि 10 जनवरी को छपाक अजय देवगन की फिल्म ‘‘ तानाजी: द अनसंग वरियर’’ के साथ प्रदर्शित हुई। मेघना गुलजार ने कहा, ‘‘यह वितरकों का फैसला है और मेरा मानना है कि उनको भरोसा है कि दोनों फिल्में अलग है और उनके दर्शक मिलेंगे।’’
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