दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 के नतीजे आने के बाद आम आदमी पार्टी ने 62 सीटों और बीजेपी 08 सीटों पर जीत दर्ज की है। कांग्रेस के खाते में एक बार फिर शून्य ही आया है। यह देश की सबसे पुरानी पार्टी के लिए बहुत शर्मनाक स्थिति है जो कुछ साल पहले ही शीला दीक्षित के नेतृत्व में लगातार 15 साल शासन कर चुकी है। कांग्रेस के इस निराशाजनक प्रदर्शन के बाद प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा और दिल्ली प्रभारी पीसी चाको ने इस्तीफा दिया जिसे पार्टी ने स्वीकार कर लिया है। जिसके बाद शक्ती सिंह गोहिल को दिल्ली के अंतरिम प्रभारी बनाया गया है। लेकिन कांग्रेस के शून्य की चर्चा दिल्ली से लेकर मध्य प्रदेश तक फैली है।मध्य प्रदेश में 15 सालों बाद सत्ता पर काबिज हुई कांग्रेस पार्टी को सत्ता के शिखर तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया का मुख्यमंत्री न बन पाने और न ही मध्यप्रदेश कांग्रेस की कमान संभाल पाने का दुख अक्सर झलकता रहता है। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दिल्ली के चुनाव परिणामों के जरिए कांग्रेस को कटघरे में खड़ा किया है। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि कांग्रेस को अब नई सोच, नई विचारधारा और नई कार्यप्रणाली की सख्त जरूरत है। सिधिया ने कांग्रेस के खराब प्रदर्शन पर कहा, ”यह हमारी पार्टी के लिए बहुत निराशाजनक है। एक नई विचारधारा और एक नई कार्यप्रणाली की तत्काल जरूरत है। देश बदल गया है, इसलिए हमें देश के लोगों के साथ नए तरीके से सोचने और जुड़ने का विकल्प चुनना होगा।”
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