दहेज एक बुरी बला नामक पुस्तक लिखने पर मोनिका ने पाई शोहरत*

प्रयागराज। दहेज एक बुरी बला नामक पुस्तक की राइटर मोनिका उपाध्याय ने अपनी पुस्तक मे करारा व्यंग्य लिखा है। रायबरेली से पली-बढ़ी। मोनिका को बचपन से राइटर बनने का शौक था। उन्होंने कई पुस्तकें लिखी पर दहेज एक बुरी बला नामक पुस्तक पर काफी शोहरत हासिल की। इनके पिता रामनिरंजन उपाध्याय दरोगा थे। जिनकी ड्यूटी के दौरान ही 1993 में मृत्यु हो गई। मोनिका की मां सुनीला रानी उपाध्याय हैं मोनिका का जीवन बचपन से ही बहुत संघर्ष शील रहा है। मोनिका ने अपने मेहनत व लगन के दम पर यह साबित कर दिया। कि औरत की औकात केवल चूल्हा बर्तन करना नहीं है। बल्कि और कुछ है। मोनिका एक अच्छे राइटर के रूप में और किताबें लिख रही हैं। डायरेक्टर द्वारा मोनिका की गौ रक्षा पर फिल्म लिखने का मौका मिला।बचपन से ही मोनिका का समाज के प्रति बहुत ही लगाव रहा है और समाज में कुछ कर दिखाने की जुनून को लेकर आगे बढ़ी। मोनिका की 20 वर्ष की उम्र में प्रतापगढ़ जिले के कोर्रही गांव में प्रदीप पाण्डेय के साथ शादी हुई। मोनिका के ससुराल के ससुर रामराज पाण्डेय, सास जनकल्ली पाण्डेय ने सपनों को उड़ान दी और मोनिका ने वर्ष 2021 में दहेज प्रथा के विरोध करते हुए दहेज एक बुरी बला नामक पुस्तक लिखी। जिसे समाज के लोग पढ़कर गर्वांवित महसूस कर रहे हैं।

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