प्रसार निदेशालय, सैम हिग्गिनबॉटम कृषि प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान विश्वविद्यालय, प्रयागराज में दिनांक
27 नवम्बर – 01 दिसम्बर 2024 तक संचालित होने वाले आत्मा योजनान्तर्गत जनपद-दरभंगा, बिहार राज्य के 30 कृषकों का पांच दिवसीय कृषक प्रशिक्षण-सह-परिभ्रमण कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया। संयुक्त निदेशक प्रसार डा0 ए. के. चौरसिया ने कहा कि श्रीअन्न के उपयोग द्वारा बहुत सारी बीमारियों का घर बैठे निदान किया जा सकता है। जैसा कि विदित है कि श्रीअन्न का ग्लाइसेमिक्स इण्डेक्स अन्य अनाजों की तुलना में अत्यन्त कम होता है जिसकी वजह से यह मधुमेह रोग से पीड़ित रोगियों के लिए एक स्वास्थ्यवर्धक आहार है।
मुख्य अतिथि निदेशक प्रसार डा0 प्रवीन चरन ने कहा कि कुपोषण आज की बहुत ज्वलन्त समस्या है तथा अपने दैनिक आहार में पोषक तत्वों से भरपूर श्रीअन्न के उपयोग से न सिर्फ कुपोषण की समस्या का निदान होगा अपितु श्रीअन्न के उपभोग को बढ़ावा देकर कृषक अपनी आर्थिक स्थिति भी उन्नत कर सकते हैं ।
प्रसार निदेशालय के वैज्ञानिक डा0 सरवेन्द्र कुमार ने ज्वार, बाजरा, सॉंवा, कोंदो, आदि फसलों की वैज्ञानिक खेती की जानकारी दी।
वैज्ञानिक डा0 शैलेन्द्र कुमार सिंह ने कृषकों को जैविक खेती पर जानकारी दी एवं वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने की विधि बतायी । प्रशिक्षण कार्यक्रम के शुभारंभ अवसर पर प्रसार निदेशालय के समस्त वैज्ञानिकगण उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में प्रशिक्षण समन्वयक डा0 मनीष कुमार केसरवानी के कृषकों के समक्ष प्रशिक्षण कार्यक्रम की विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत की।