तिल के तेल का दीपक जलाने से ग्रहों की स्थिति होती है ठीक

सनातन धर्म में ईश्वर की कृपा प्राप्ति के लिए पूजा-अर्चना करने के विधान है। इस दौरान दीपक जलाना भी जरूरी माना जाता है। दीपक के बिना पूजा अधूरी समझी जाती है और भगवान के सामने घी का तेल का दीपक जलाकर पूजा संपन्न की जाती है। हिंदू धर्म में अलग-अलग तेल का दीपक जलाने का अपना-अपना महत्व है। आज हम तिल के तेल का दीपक जलाने से होने वाले लाभ के बारे में बात करेंगे।

शुद्ध होता हा वातावरण

तिल का तेल के दीपक जलाने से वातावरण में व्याप्त नकारात्मकता समाप्त होती है, जिससे वातावरण शुद्ध बना रहता है। जिससे साधक को मानसिक शांति प्राप्त होती है।

प्रसन्न होती हैं मां लक्ष्मी

मुख्य द्वार पर तिल के तेल का दीपक जलाने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और साधक पर अपनी दया दृष्टि बनाए रखती हैं। साथ ही इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा का भी प्रवेश नहीं होता है।

ज्योतिष शास्त्र के उपाय

तिल का तेल के दीपक जलाने से कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत होती है, जिससे साधक के कार्यक्षेत्र में तरक्की के योग बनते हैं। साथ ही इससे कुंडली में चंद्रमा की स्थिति भी मजबूत होती है।

इन बातों का रखें ध्यान

तिल के तेल का दीपक जलाते समय कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। जैसे तिल के तेल का दीपक जलाने के लिए लाल धागे की बत्ती सबसे अच्छी मानी जाती है। तिल के तेल का दीपक देवी-देवताओं की बाईं हाथ की तरफ जलाना चाहिए। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि पूजा के बीच में दीपक बुझना नहीं चाहिए, वरना इसका पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता।

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