डीएफसी के 17वें स्थापना दिवस में रेल मंत्री ने किया सम्मानित।*

प्रयागराज ।  मालगाड़ियों  की रफ्तार बढ़ाने में अहम भूमिका निभाने वाली संस्था  डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर युद्ध स्तर पर कार्य कर रही है इसी क्रम में कानपुर -प्रयागराज एव छिवकी _चुनार रेलखंड पर
डीएफसी के कार्य को  लगभग पूर्ण होते देख रेल मंत्री  अश्वनी वैष्णव   ने सीजीएम पूर्व ओमप्रकाश, पश्चिम अनुराग यादव को शील्ड  देकर सम्मानित किया ।17 वें स्थापना दिवस पर कॉरिडोर की उपलब्धियां गिनाई गई। डीएफसीसीआइएल को भारत सरकार के रेल मंत्रालय के उद्यम योजना और विकास वित्तीय संसाधनों को जुटाने और फ्रेट कॉरिडोर के निर्माण और रख रखाव और संचालन के लिए बनाया गया वर्तमान समय में  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के ड्रीम प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए डीएफसी के अधिकारी जी जान से लगे हुए है।
परियोजना के तहत  मालगाड़ियों को चलाने के लिए रेल लाइन बिछाई जा रही है ताकि अधिक से अधिक व्यापारियों को रेल मार्ग से जोड़ा जा सके उनके सामान को समय से गंतव्य तक पहुंचाया जा सके सीजीएम ओम प्रकाश अब तक कई  जमीन के विवादित मामले को हल कराने में सफल रहे हैं उनकी विशेष निगरानी में कार्य को पूरा कराया जा रहा है। इस समय कानपुर_ प्रयागराज एवम छिवकी _चुनार रेलखंड में अधिकतम डीएफसी कार्य पूरा हो चुका है और इस रूट पर मालगाड़ियों का परिचालन भी शुरू हो गया है छिवकी _चुनार खंड  और सुजातपुर _ कानपुर खंड के लिए ट्रेनें चलती हैं 135 किलोमीटर का रूमा _शुजातपुर  का विद्युतीकरण का काम पूरा हो चुका है। रूमा से सुजातपुर खंड में 135 किलोमीटर तक प्रतिदिन 45 से 50 गाड़ियां चल रही है छिवकी- चुनार खंड के 117 किलोमीटर में 8 से 10 मालगाड़ियां चल रही हैं इन गाड़ियों के संचालन के लिए नौ स्टेशनों को खोल दिया गया है लेबल क्रासिंग पर हादसों को कम करने के लिए 22 समपार फाटक बंद कर दिए गए हैं इसके साथ ही 115 किलोमीटर ट्रक जोड़ने का काम पूरा हो चुका है छोटे _बड़े मिलाकर 71 पुलों का निर्माण करा दिया गया है इनमें से तीन रेल फ्लाईओवर  भी सम्मिलित है। प्रदेश सरकार की सहायता से लंबे समय से लंबित और  गंभीर भूमि संबंधित मुद्दों का निस्तारण में प्रभावित करने वाले 18 गांव का समाधान किया जा चुका है।

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