ट्रिपल आईटी में वैज्ञानिकों ने डॉ विक्रम साराभाई की उपलब्धियों पर की चर्चा

प्रयागराज। भारतीय अन्तरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) एवं भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान प्रयागराज के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित चार दिनी विक्रम अम्बालाल साराभाई के जन्मशताब्दी का उद्घाटन इसरो बैंगलोर के वैज्ञानिक डॉ पी.वी वेंकटकृष्णन ने किया।
इस अवसर पर वैज्ञानिक डॉ पी.वी. वेंकटकृष्णन ने इसरो की उपलब्धियों तथा चन्द्रयान मिशन दो की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि डॉ. विक्रम साराभाई का जन्म 12 अगस्त, 1919 को अहमदाबाद शहर में हुआ था। इनको भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम का जनक कहा जाता है, वे एक महान संस्थापक थे। उन्होंने विविध क्षेत्रों में अनेक संस्थान स्थापित किये। भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला, अहमदाबाद की स्थापना में उनकी शीर्ष भूमिका थी। वे परमाणु ऊर्जा आयोग के अध्यक्ष थे। उन्होंने अटीरा, ई.सी.आई.एल, दर्पण अकादमी जैसे उत्कृष्ट संस्थानों की स्थापना की। उन्होंने भारतीय प्रबंधन संस्थान अहमदाबाद की संस्थापना में अहम भूमिका निभायी। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की स्थापना उनकी एक महान उपलब्धि है। इस दौरान विक्रम साराभाई के जीवन पर आधारित एक लघु फिल्म भी दिखायी गयी।
विशिष्ट अतिथि इस्ट्रैक इसरो बैगलूरू के उपनिदेशक डॉ. वी. बृन्दा ने पृथ्वी से परे क्या है? बताया कि आउटर स्पेस वह स्थान शुरु होता है जहां पृथ्वी का वायुमंडल समाप्त होता है, जैसे विषयों के बारे में छात्रों को जानकारी दी। उन्होंने सभी ग्रहों, सितारों, आकाशगंगाओं और कई अन्य वस्तुओं के बारे में बताया। कहा कि हम लोग देख रहे हैं कि कैसे इसरो बाहरी अंतरिक्ष की खोज करने की योजना बना रहा है। उन्होंने इंटर प्लेनेटरी मिशन, मार्स आर्बिटर मिशन, लूनर मिशन, चंद्रयान-1 और चन्द्रयान-2 के बारे में विस्तार से बताया।
संस्थान के निदेशक प्रो. पी.नागभूषण ने बताया कि छात्रों को असफल होने पर निराश नहीं होना चाहिए बल्कि और ज्यादा ध्यान से लक्ष्य की ओर बढ़ना चाहिए। कहा कि असफलता में ही सफलता छिपा हुआ है। उन्होंने छात्रों से कहा कि यदि अपने माता-पिता आपको स्मार्ट फोन, लैपटाप व अन्य सुविधाएं नहीं दे पा रहे हैं तो इससे निराश होने की जरुरत नहीं है बल्कि और मेहनत और लगन से पढ़ाई करने की जरुरत है।
कार्यक्रम का संचालन इसरो के वरिष्ठ वैज्ञानिक एस.के पाण्डेय तथा वरिष्ठ वैज्ञानिक एस.एन साहू ने धन्यवाद ज्ञापित किया। संस्थान के कुलसचिव एवं कार्यक्रम समन्यवक प्रो. शिर्षू वर्मा ने बताया कि केन्द्रीय विद्यालय झलवा, केन्द्रीय विद्यालय न्यू कैंट, केन्द्रीय विद्यालय ओल्ड कैंट, महर्षि पतंजलि विद्या मंदिर, एम.पी.वी.एम गंगागुरुकुलम्, पतंजलि ऋषिकुल स्कूल, जे.डी.एम.वी.एम.आई सीजीपी प्रयाग के कक्षा 9 से 12 तक के लगभग 500 विद्यार्थियों ने प्रतिभागिता की।

Related posts

Leave a Comment