ट्रंप ने बताया, ताबड़तोड़ ईरानी मिसाइल हमले से कैसे बच निकले अमेरिकी सैनिक

अमेरिकी ड्रोन हमले में मारे गये कासिम सुलेमानी की मौत का बदला लेने के लिए ईरान आग की तरह धधक रहा था और उसकी मौत के बाद बुधवार को ईरान ने इराक में स्थित अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर 12 मिसाइलों से ताबड़तोड़ हमले किए। इस हमले के बाद ईरान ने कहा था कि यह हमला अमेरिका के मुंह पर तमाचा है और यह भी दावा किया था कि इस हमले में 80 अमेरिकी सैनिक मारे गए थे।

इस बीच अमेरिका ने चुप्पी साधी हुई थी और हमले के कुछ ही घंटों बाद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप मीडिया के सामने आए और बताया कि ईरान के हमले में किसी भी अमेरिकी सैनिक की मौत नहीं हुई हैं, हालांकि थोड़े बहुत नुकसान जरूर हुए है पर किसी भी सैनिक को एक भी खंरोच नहीं आई है।

अमेरिका के इस बयान के बाद क्या हम यह समझें कि अमेरिका को पहले से ही पता था कि ईरान उनके सैन्य ठिकानों पर हमला करने वाला था। सोचने वाली बात है कि ईरान द्वारा दर्जनों मिसाइली हमलों के बावजूद आखिर सारे अमेरिकी सैनिक बच कैसे गए? और कहां गए? हर किसी के दिमाग में यह सवाल आ सकता है कि आखिर इतने ताबड़तोड़ मिसाइली हमलों के बावजूद अमेरिकी सैनिक सुरक्षित कैसे बच गए।

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