चित्रकूट । जहां भारत सरकार टोल पर होने वाली अवैध धन उगाही को रोकने के लिए रोज नए नियम बना रही है,जिसमे से कैश लेश टोल भी उसी का हिस्सा है लेकिन चोरी करने वाले और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाले कोई न कोई नया तरीका निकल ही लेते है। इस प्रकार का मामला राष्ट्रीय राजमार्ग 35 इलाहाबाद से बांदा में पड़ने वाला उमापुर टोल प्लाजा बन गया है अवैध वसूली का अड्डा यहाँ के कर्मचारी अवैध वसूली करते हैं,वो देखते है जिन गाड़ियों में फ़ास्ट टैग नही लगा है या फिर जिस फ़ास्ट टैग में पैसा नही है उन ग्राहकों से नगद ले कर उनको जाने देते है और पर्ची भी नही देते है, और आने जाने वाले राहगीरों से अभद्रता एवं बदसलूकी से पेश आते हैं,मारपीट करने की धमकी देते है। यहां पर कार्यरत चंद्रभान सिंह सेंगर जो अपने को रिटायर्ड पुलिसकर्मी बताते हैं और यहां पर टी.ए. के पोस्ट पर कार्यरत है। वह इस अवैध वसूली के मुख्य कड़ी है। यह अपने साथी अभिषेक त्रिपाठी व अन्य के साथ यहां पर अवैध वसूली करवाते हैं और राहगीरों के द्वारा मना करने पर मारने की धमकी भी देते हैं, और कहते हैं मैं देख लूंगा पैसा दो नहीं तो बताता हूं।
वहां के मैनेजर को इस मामले की कोई भी जानकारी नहीं है उक्त कर्मचारी उसको भी बदनाम कर रहे हैं पूछने पर कहते हैं यह सब मैनेजर धीरज मिश्रा के द्वारा करवाया जाता है। जाओ जिस से शिकायत करना हो कर दो उनको मैं हिस्सा देता हूं मेरा कोई क्या कर लेगा।