टेलीकॉम इंफ्रा फंड में बढ़ोतरी की उम्मीद

संचार मंत्रालय के मुताबिक, इस साल 15 अगस्त से देश में 5जी सेवा की शुरुआत हो सकती है और इसे ध्यान में रखते हुए आगामी बजट में 5जी इंफ्रास्ट्रक्चर पर सरकार का पूरा ध्यान होगा। इनमें सेटेलाइट कम्युनिकेशंस (सैटकॉम) के साथ देश के गांव-गांव में फाइबर बिछाने के काम में तेजी लाना सबसे प्रमुख होगा। इसके अलावा देश में पूरी तरह से 4जी सेवा बहाल करने के लिए अधिक से अधिक टावर की स्थापना को लेकर बजट में नई घोषणा हो सकती है। बजट में टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर फंड 10 फीसद तक बढ़ाया जा सकता है।चालू वित्त वर्ष 2021-22 में टेलीकॉम इंफ्रा के लिए 14,200 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया था। सूत्रों के मुताबिक, टेलीकॉम विभाग आगामी वित्त वर्ष 2022-23 में देश के छह लाख से अधिक सभी गांवों में ब्रॉडबैंड इंटरनेट कनेक्शन पहुंचाने के काम को हर हाल में पूरा करना चाहता है। इस वजह से आगामी एक फरवरी को पेश होने वाले बजट में फाइबर बिछाने के काम के लिए विशेष स्कीम की घोषणा की जा सकती है ताकि निजी कंपनियां इस काम के लिए आगे आए और समय रहते इस काम को पूरा किया जा सके।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2020 में स्वाधीनता दिवस के उपलक्ष्य पर आगामी 1000 दिनों में देश के सभी गांवों को ब्रॉडबैंड इंटरनेट कनेक्शन से जोड़ने का ऐलान किया था। जानकारों के मुताबिक, इस दिशा में काफी प्रगति हुई है, लेकिन ब्राडबैंड के जरिए शहरों जैसी गांवों में इंटरनेट की सुविधा बहाल करने के लिए विशेष प्रयास की जरूरत है और इस काम के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड स्कीम जैसी विशेष स्कीम लाई जा सकती है।सूत्रों के मुताबिक, बजट में सरकार का जोर सेटेलाइट कम्युनिकेशंस पर भी होगा क्योंकि सभी गांवों में ब्राडबैंड इंटरनेट सुविधा पहुंचाने के बाद भी 10 फीसद इलाके ऐसे रह जाएंगे जहां ब्रॉडबैंड सुविधा नहीं पहुंचाई जा सकती है। उन जगहों के लिए सेटेलाइट के जरिए ही इंटरनेट सेवा की सुविधा दी जा सकती है। वहीं, विभिन्न प्रकार की इंटरनेट सुविधा मिलने पर ही 5जी सेवा पूरी तरह से सफल हो सकती है। इसलिए भी सरकार इंटरनेट सेवा के कई माध्यम रखना चाहती है।

टेलीकॉम इक्विपमेंट मैन्यूफैक्चर्स एसोसिएशन (टेमा) के चेयरमैन (एडवाइजरी) संदीप अग्रवाल कहते हैं कि 5जी सेवा के लिए सबसे जरूरी चीज ‘इंटरनेट की हमेशा उपलब्धता’ है। यह तभी संभव है जब आपके पास ब्राडबैंड वाई-फाई, फोन वाला वाई-फाई और सेटेलाइट इंटरनेट जैसी सभी सुविधाएं हो। ऐसा नहीं होने पर 5जी का कमर्शियल इस्तेमाल संभव नहीं हो पाएगा।

उन्होंने कहा कि आगामी वित्त वर्ष 2022-23 में सरकार की कोशिश होगी कि सभी 2जी उपभोक्ता हर हाल में 4जी पर शिफ्ट हो जाए। यह काम निजी कंपनियां करेंगी, लेकिन यह तभी संभव है जब शहर और गांवों के हर कोने पर टावर खड़े हो सकेंगे। इस काम के लिए बजट में विशेष फंड का आवंटन हो सकता है।

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