प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई)-संचालित भविष्य के लिए लोगों को कौशल प्रदान करने और फिर से कुशल बनाने में निवेश का आह्वान किया। आज, भारत डेटा प्राइवेसी पर एआई अपनाने और तकनीकी-कानूनी समाधान में अग्रणी है। हम जनता की भलाई के लिए एआई एप्लिकेशन विकसित कर रहे हैं। नौकरियों का नुकसान एआई का सबसे खतरनाक व्यवधान है। लेकिन, इतिहास गवाह है कि तकनीक के कारण काम ख़त्म नहीं होता। उसका स्वरूप बदलता है और नये प्रकार के रोजगार पैदा होते हैं। हमें एआई-संचालित भविष्य के लिए अपने लोगों को कुशल बनाने और पुनः कुशल बनाने में निवेश करने की आवश्यकता है। एआई स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि और बहुत कुछ में सुधार करके लाखों लोगों के जीवन को बदलने में मदद कर सकता है।यह एक ऐसी दुनिया बनाने में मदद कर सकता है जिसमें सतत विकास लक्ष्यों की यात्रा आसान और तेज़ हो जाएगी। एआई पहले से ही हमारी राजनीति, हमारी अर्थव्यवस्था, हमारी सुरक्षा और यहां तक कि हमारे समाज को फिर से आकार दे रहा है। एआई इस सदी में मानवता की संहिता लिख रहे हैं।पीएम मोदी फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन के साथ एआई एक्शन समिट की सह-अध्यक्षता कर रहे हैं। हमें ओपन सोर्स सिस्टम विकसित करना चाहिए जो विश्वास और पारदर्शिता को बढ़ाए। हमें पूर्वाग्रहों से मुक्त गुणवत्तापूर्ण डेटा केंद्र बनाने होंगे, हमें प्रौद्योगिकी का लोकतंत्रीकरण करना होगा और जन केंद्र एप्लिकेशन बनाना होगा। हमें साइबर सुरक्षा, दुष्प्रचार और डीपफेक से संबंधित चिंताओं का समाधान करना चाहिए। हमें यह भी सुनिश्चित करना होगा कि प्रौद्योगिकी प्रभावी और उपयोगी होने के लिए स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र में निहित हो।
टेक्नोलॉजी नौकरी नहीं लेती, PM मोदी बोले- AI से नई नौकरियों के अवसर पैदा होंगे
