ज्वाला देवी सिविल लाइन्स में अटल टिंकरिंग लैब का हुआ शुभारम्भ
प्रयागराज। प्रो राजेन्द्र सिंह (रज्जू भैया) शिक्षा प्रसार समिति द्वारा संचालित ज्वाला देवी सरस्वती विद्या मन्दिर इण्टर काॅलेज में अटल टिंकरिंग लैब उद्घाटन मुख्य अतिथि के ट्रिपलआईटी के निदेशक प्रो मुकुल एस सुतावणे, विशिष्ट अतिथि ट्रिपलआईटी के कुलसचिव प्रों सतीश कुमार सिंह, प्रान्त संगठन मंत्री डा राममनोहर और विद्यालय के अध्यक्ष च्यवन भार्गव ने आज किया। कार्यक्रम की शुरुआत माॅ सरस्वती के सम्मुख दीपार्चन एवं पुष्पार्चन से हुआ। प्रधानाचार्य विक्रम बहादुर सिंह परिहार ने अतिथियों का परिचय व सम्मान किया। उन्होंने कार्यक्रम की प्रस्ताविकी रखते हुये कहा कि भूतपूर्व प्रधान मंत्री स्व अटल बिहारी वाजपेयी मानते थे कि इस देश का भविष्य युवाओं के हाथ में है और अटल इनोवेशन मिशन, जिसे उनकी विरासत के नाम पर शुरू किया है, उनके सपने को हकीकत में बदलने की दिशा में एक प्रयास है। उन्होंने कहा कि अटल इनोवेशन मिशन भारत सरकार का एक प्रमुख पहल है, जो नीति आयोग में स्थापित है, इसे सार्वजनिक-निजी भगेदारी से भारत भर में नवीनीकरण और उद्यमशीलता का तंत्र बनाने के उद्देश्य से तैयार किया है। अटल टिंकरिंग लैब की पहल का उद्देश्य भारतीय शिक्षा प्रणाली में बदलाव लाना है। इससे एक प्रतिमान विस्थापन हो रहा है. जहाँ 12 साल जैसी कम उम्र के बच्चे भी तकनीकी नवीनीकरण की दुनिया से रु-ब-रु हो रहे हैं. और भारतीय स्कूलों में सांस्कृतिक रूप से भिन्न सूक्ष्म वातावरण का अनुभव कर रहे हैं, जिससे बिना किसी निश्चित पाठ्यक्रम के वह अपने पसंद की क्षेत्र में काम कर सकते हैं। एटीएल से समस्याओं का समधान करना, उनके व्यक्तित्व का अहम हिस्सा बन गया है। टिंकरिंग लैब मिशन देशभर में एक जन आंदोलन को बढ़ावा दे रहा है और बिलकुल जड़ से लाखों युवा हाई स्कूल नवप्रवर्तकों को तैयार कर रहा है। यह युवा छात्रों को 21वी सदी के आवश्यक गुण जैसे कि रचनात्मकता, नवीनीकरण, गहन विचार, सामाजिक व अंतर सांस्कृतिक सहभागिता, नैतिक नेतृत्व आदि को व्यवस्थित रूप से सिखाता है।
मुख्य अतिथि ने कहा कि अटल टिंकरिंग लैब इस विचार पर आधारित है कि स्कूली बच्चों में नवीनीकरण और उद्यमशीलता की एक घातीय लहर बनाने के लिए प्रोत्साहन एक आवश्यक शुरुआत है। कहा कि छोटे बच्चे अपने नवीनतम विचारों को अगले स्तर पर ले जाने के लिए और सम्भावित उपयोगकर्ताओं के साथ उनको टेस्ट करने के लिए सहायता प्राप्त करने के लिए उत्सुक रहते हैं। सरकारी निजी भागीदारी से सभी क्षेत्रों और सभी बच्चों को बिना किसी ग्रामीण-शहरी विभाजन और सरकारी-निजी विभाजन के एक समान मौका देने के लिए, नवीनीकरण के लिए एक समावेशी मॉडल बनाने का प्रयास किया गया है। उन्होंने कहा कि भारत में टिंकरिंग आंदोलन के तीन प्रमुख तत्वों को शामिल करने का एक प्रयास है, जिसे 2016 में लॉन्च किया गया था। पहला, भारत के अथवा विश्व भर में कहीं भी किसी भी स्कूल में एक अटल टिंकरिंग लैब स्थापित करने हेतु बतायी गयी आवेदन व चयन प्रक्रिया। दूसरा, छात्रों, शिक्षकों, मेंटोर, अभिभावकों, स्थानीय समुदाय के सदस्यों, शैक्षणिक संस्थानों और निजी उद्योगों को जोड़कर एक जीवंत समुदाय बनाने की कार्यप्रणाली पर चर्चा की गई है। भारत के विभिन्न राज्यों का प्रतिनिधित्व करते हुए कुछ सफल मामलों के अध्ययनों को भी यहाँ रेखांकित किया गया है। कहा कि तीसरा कि अटल टिंकरिंग लैब द्वारा प्राप्त किए गए परिणाम और प्रभाव को प्रदर्शित किया गया है, जिसमें पिछले दो वर्षों में नवीनीकरण के कुछ उदाहरण प्रदर्शित और पुरस्कृत करने हेतु शामिल किया गया है।
विशिष्ट अतिथि ट्रिपल आईटी के कुलसचिव जी ने कहा कि इस लैब का प्रयोग कर हम अपने सोच को साकार रुप दे सकते है तथा विज्ञान के क्षेत्र में प्रगति कर सकते हैं।
मुख्य अतिथि टिपलआईटी के निदेशक ने वेदत ध्वनि एवं पूजन के साथ नरियल फोड़कर लैब का उद्घाटन किया। अतिथियों ने लैब में रखें विज्ञान प्रयोगों एवं माॅडल के बारे में छात्रों से वार्ता की तथा महत्वपूर्ण टिप्स भी दिए। विद्यालय के प्रबंधक डा संजय सिंह ने अतिथियों का आभार ज्ञापन किया। कार्यक्रम में विद्यालय के कोषाध्यक्ष सुरेश चन्द्र श्रीवास्तव, प्रो अर्चना चहल , छात्र-छात्रायें एवं अनेक गणमान्य जन उपस्थित रहें।