टहलते वक्त न हो जल्दी थकान, इसके लिए इन बातों का रखें ध्यान

हमारे चलने की क्षमता को लेकर अक्सर यह कहा जाता है कि व्यक्ति अपनी शक्ति व बल के अनुसार पैदल चल सकता है जैसे कुछ लोग बहुत तेज गति से चलते हैं तो कुछ नॉर्मल तो वहीं कुछ बहुत धीमी गति से। इसके पीछे ऐसी कोई वजह नहीं है। वास्तव में हमारी चलन क्षमता हमारे चलने के ढंग पर ही निर्भर करती है।

हमारे शरीर की कुछ 650 मांसपेशियों में से आधी मांसपेशियां हमारे चलने के कार्य में अपनी भूमिका निभाती हैं। जिसके लिए उन्हें उचित मात्रा में ऑक्सीजन मिलना जरूरी है। जब इन मांसपेशियों को ज्यादा मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिलती तो इसका सीधा प्रभाव हमारे चलने की क्षमता पर पड़ता है। बहुत से लोग सिर को आगे निकालकर धड़ को सामने झुकाते हुए चलते हैं। ऐसे चलने से मांसपेशियों को अतिरिक्त शक्ति की आवश्यकता होती है जिससे आप गिरे नहीं। अस्वाभाविक कार्य करने से कारण शरीर को ज्यादा तनाव से गुजरना पड़ता है। नतीजतन हमें पीठ दर्द, कंधे का दर्द, गर्दन के पीछे का दर्द और सिर दर्द जैसी शिकायतों का सामना करना पड़ता है।

पैदल चलने के लिए सही फुटवेयर्स चुनना बहुत जरूरी है। पैदल चलने के लिए वजनदार जूते पहनने चाहिए।

– सोल की सतह चिपचिपी न होकर गद्दीनुमा हो तो बेहतर रहता है। इससे थकान नहीं होती है।

– चलते समय धड़ को सीधा और शिथिल अवस्था में रखना चाहिए।

– शरीर में ऑक्सीजन की वृद्धि के लिए अपने दोनों हाथों को पीछे बांधकर चलना चाहिए। इससे फेफड़ों में हवा लेने की क्षमता बढ़ती है।

हर 4-5 कदमों पर धीरे-धीरे सांस बाहर निकालना भी लाभदायक होगा।

– पैदल चलते समय अपनी चाल की गति मध्यम से तीव्र और फिर मध्यम करते चलें। इससे थकान कम होगी।

– टहलते वक्त मुंह से सांस लेने पर भी जल्दी थक जाते हैं इसलिए नाक से ही लंबी गहरी सांस लें और छोड़ें।

– हर थोड़ी-थोड़ी देर में पानी न पिएं। गला बहुत ज्यादा सूख रहा है तो ही पानी पिएं वो भी दो या तीन घूंट।

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