जूही में रीमॉडलिंग का काम आज से प्रारंभ
प्रयागराज । जूही यार्ड कानपुर प्रयागराज मंडल का केंद्र बिंदु है जहां ट्रेन संचालन से संबंधित कई गतिविधियां एक साथ की जाती हैं। नॉन-स्टॉप ट्रेनों का परिचालन, गोविंदपुरी में मेल/एक्सप्रेस/यात्री ट्रेनों का ठहराव, लोको शेड से इंजन का आगमन-प्रस्थान, पूर्व में कानपुर सेंट्रल और कानपुर लोको केबिन, पश्चिम में पनकी और भीमसेन और उत्तर में कानपुर अनवरगंज से कनेक्टिविटी की सुविधा जूही यार्ड के माध्यम से ही मिलती है। यह यार्ड मालगाड़ी की जांच के लिए भी नामित स्थान है और वैगन वर्कशॉप और कॉनकॉर टर्मिनल से भी संपर्क प्रदान करता है।
ट्रेन संचालन को सुचारू, संरक्षायुक्त और सुविधाजनक बनाने तकनीकी अपग्रेडेशन के माध्यम से निरंतर प्रयास किए जाते रहे हैं।
ज्ञात हो कि, वर्ष 2011 में रूट रिले इंटरलॉकिंग (RRI) को सबसे बड़ी इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग (सॉफ्टवेयर आधारित इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग) में बदल दिया गया था। जूही में इस इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग की कमीशनिंग ने पूरे भारतीय रेल में इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग को अपनाने की दिशा में मार्ग प्रशस्त किया था।
एक बार फिर से जूही में एक और बदलाव की पटकथा लिखी जा रही हैं। इस बार परिवर्तन के क्रम में जूही ए और बी केबिनों के पुराने लीवर फ्रेम को इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग द्वारा बदला जा रहा है। ये लीवर फ्रेम 90 साल से अधिक पुराने हैं और अपने कोडल प्रारंभ हो गया है।
इसी क्रम में एक यातायात ब्लॉक के दौरान 6 प्वाइंट्स पर प्वाइंट मशीन उपलब्ध कराकर यांत्रिक व्यवस्था को हटाया गया। इसी तरह, अन्य प्वाइंटों पर भी कार्य किया जाएगा और 13.04.2022 को ए और बी केबिनों की नॉन-इंटरलॉकिंग ली जाएगी। जूही ए केबिन में 304 रूटों के साथ 59 पॉइंट मशीन, 42 मुख्य सिग्नल और 12 शंट सिग्नल के साथ एक नई इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग स्थापित होगी।
जूही मेन केबिन की इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग संबंधी कार्य किए जाने हैं। इन कार्यों में बड़े पैमाने पर सॉफ्टवेयर परिवर्तन शामिल हैं, जिससे जूही ए केबिन के साथ इंटरलॉकिंग, जूही-भीमसेन के बीच इंटरमीडिएट ब्लॉक स्टेशन (आईबीएस) का प्रावधान और ट्रेन संचालन को सुचारु बनाने से जुड़े अन्य कार्य सुलभ हो पाएंगे । इन परिवर्तनों के कारण मौजूदा उत्तर मध्य रेलवे मुख्यालय और प्रयागराज मंडल के वरिष्ठ अधिकारी व्यक्तिगत रूप से काम की निगरानी कर रहे हैं। वे योजना के अनुसार काम कर रहे हैं।
इस कार्य के पूर्ण होने से गति उन्नयन में आ रही बाधाएं दूर होंगी और व्यस्त जूही यार्ड में ट्रेन के संचालन में अधिक लचीलापन, बेहतर गतिशीलता और उन्नत संरक्षा मानकों की सुविधा मिलेगी ।