प्रयागराज । जिला अधिवक्ता संघ इलाहाबाद के अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद मिश्र रज्जू ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों को बताया कि न्याय पालिका की वादकारी एवं अधिवक्ता की स्वतन्त्रता को प्रभावित करने वाले प्रयास और बार कौंसिल का असहयोग अधिवक्ता समाज के हितो के विपरीत है। विगत दिनों इलाहाबाद उच्च न्यायालय की संयुक्त बेंच द्वारा अधिवक्ताओं की स्वतन्त्रता को प्रभावित करने वाला एक आदेश पारित किया गया अध्यक्ष बार कौंसिल ऑफ इण्डिया के द्वारा मनमाना रवैया अपनाते हुए प्रदेश के समस्त अधिवक्ता संघ को आदेश जारी कर दिया गया। उक्त आदेश से पूरे अधिवक्ता समाज के अधिकारों व स्वतन्तत्रा की हत्या का प्रयास किया गया है. जिससे पूरा अधिवक्ता समाज आहत है।
उक्त प्रकरण के सम्बन्ध में जिला अधिवक्ता संघ, इलाहाबाद के तत्वधान में एक अधिवेशन का आयोजन 22 सितंबर को जनपद प्रयागराज स्थान- के0पी0 कम्प्युनिटी सेन्टर, प्रयागराज में किया गया, जिसमें प्रदेश भर के समस्त जिला अधिवक्ता संघ, तहसील – अधिवक्ता संघ के प्रतिनिधि प्रतिभाग करेंगें। उक्त अधिवेशन जिला अधिवक्ता संघ, इलाहाबाद के तत्वाधान में समस्त अधिवक्ता संघों के सहमति से निम्नलिखित प्रस्तावों की गांग माननीय उच्च न्यायालय तथा उत्तर प्रदेश सरकार से किया जाएगा ।
यह कि जिला एवं तहसील अधिवक्ता संघ के अस्तित्व एवं सम्मान बनाये रखने के लिये प्राकृतिक आपदा (अत्यधिक ठण्ड भीषण गर्मी, भारी बरसात) की स्थिति में संघ को परिस्थिति जन्य निर्णय लेने की स्वतन्त्रता हो।
यह कि किसी अधिवक्ता की आकस्मिक दुर्घटना एंव असहनीय घटना होने की स्थिति में तथा अधिवक्ता की व्यक्तिगत समस्या के समाधान के लिये सम्बन्धित न्यायिक, प्रशासनिक अधिकारी के उपेक्षा पूर्ण व्यवहार की स्थिति में जनपद न्यायाधीश एवं अन्य पीठासीन अधिकारी द्वारा अधिवक्ताओं से दुर्व्यवहार करने एवं न्यायिक कार्य में अनियमितता करने की स्थिति में, न्यायालय परिसर में बिजली, पानी, साफ-सफाई, अव्यवस्था की स्थिति में अधिवक्ता संघ तहसील अधिवक्ता संघ की कार्यकारिणी एवं आम सभा को निर्णय लेने की स्वतन्त्रता हो।
यह कि अधिवक्ता वेतन भोगी नहीं है। विधि व्यवसाय सम्मान पूर्वक करना चाहते हैं। अधिवक्ता को अपमानित करने वाला बाध्यकारी आदेश/प्रस्ताव पारित किया जाना अधिवक्ता समाज एवं न्यायिक व्यवस्था के अनुरूप नहीं है। उच्च न्यायालय एवं माननीय बार कौंसिल आफ उत्तर प्रदेश के सम्पूर्ण आदेश-निर्देश का पालन करते वो लिये प्रदेश के सभी जिला एवं तहसील अधिवक्ता संघ सहर्ष ही सहमत रहते है।