प्रयागराज पहुंचे पानी के पहरेदार पद्मश्री उमाशंकर पांडेय ने बताया कि खेत पर मेड़ और मेड़ पर पेड़” का मंत्र देने निकला हूं
प्रयागराज।करीब 30 वर्षों से पानी बचाने के लिए कार्य कर रहे बांदा के उमाशंकर पांडेय को भारत सरकार ने इसी साल गणतंत्र दिवस के मौके पर पद्मश्री सम्मान से नवाजा है। पानी के पहरेदार के नाम से मशहूर उमाशंकर पांडेय प्रयागराज दौरे पर हैं। उन्होंने आज यहां किसानों और जनपद के अन्य लोगों से मुलाकात कर उन्हें पानी बचाने के परंपरागत तरीकों से रूबरू करा रहे हैं।
मूलत: बांदा जनपद के रहने वाले उमाशंकर पांडेय ने लोगों से कहा कि मेरा नारा “खेत पर मेड़ और मेड़ पर पेड़”, और “पानी बचाओ-पेड़ लगाओ” का है जिसे पूरे देश में फैलाने का काम करने में जुटे हैं। उन्होंने कहा कि हमनें तो सिर्फ पानी बचाने का एक बीड़ा उठाया है, हमारे साथ किसानाें का इसमें अहम योगदान हैं जो हमारे फार्मूले को मानते हैं और पानी बचाने में अपना योगदान दे रहे हैं।
पद्मश्री उमाशंकर पाण्डेय बताते हैं कि हमनें 30 साल पहले मन में एक संकल्प लिया कि हम पानी बचाने को लेकर काम करेंगे। सबसे पहले अपने गांव जखनी में खेतों पर मेड़ बनाकर पानी को संरक्षित करने की विशेष मुहिम शुरू की थी। इससे पानी से जूझ रहे गांव के किसानों को काफी राहत मिली और मई-जून माह में भी पानी की समस्या नहीं होती है। कहते हैं कि जब हमने यह बीड़ा उठाया तो मेरे पास कोई सरकारी सहयोग या सरकारी बजट नहीं था। आज भी न तो मेरा कोई अपना कार्यालय है और न ही को एनजीओ।
उन्होंने कहा कि वह नीम के पेड़ के नीचे बैठ कर किसानों के साथ ग्रामीणों के साथ पानी पंचायत करते हैं। पानी को हम लोगों को कैसे बचाना है इस पर मंथन होता है। किसानों भी इसमें भरपूर सहयोग दे रहे हैं। पद्मश्री उमाशंकर पांडेय बताते हैं कि उनकी मुहिम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भी समर्थन मिला है। मन की बात” कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने पद्मश्री उमाशंकर पांडेय के प्रयासों काे सराहा था। इतना ही नहीं उन्होंने देश भर के प्रधानों को पत्र लिखकर पानी बचाओ-पेड़ लगाओ का संदेश देते हुए पंरपरागत तरीके से पानी बचाने का संदेश दिया था।
पद्मश्री उमाशंकर पाण्डेय ने बताया कि यह अभियान उनका जीवन भर चलता रहेगा। कहते हैं भारत सरकार ने मुझे पद्मश्री जैसे सम्मान से नवाजा है, इससे मेरा हौसला कई और गुना बढ़ जाता है। मेरा प्रयास है कि जल संरक्षण के लिए परंपरागत तरीकों से लोगों को रूबरू कराता रहूं ताकि आने वाली पीढ़ियां भी इसके बारे में जान सकें। उन्होंने कहा कि महाकुंभ 2024-25 के दौरान पानी के संरक्षण के लिए व्यापक स्तर पर कार्य शुरू किया जायेगा।
इसके पूर्व प्रयागराज पहुंचने पर उप्र माध्यमिक शिक्षक संघ (एकजुट) के प्रदेश संरक्षक