जलियांवाला बाग की घटना अंग्रेजी सरकार का क्रूरता भरा दाग -राजेश केसरवानी

जलियांवाला बाग कांड के 103 वी वर्षगांठ मनाई गई
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 प्रयागराज। अमर शहीद क्रांतिकारी श्रद्धांजलि ग्रुप के द्वारा जलियांवाला बाग कांड के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए श्रद्धांजलि के अध्यक्ष राजेश केसरवानी ने कहा कि आज ही के दिन 103 वर्ष पूर्व पंजाब प्रांत के अमृतसर में वैशाखी पर्व के दिन 13 अप्रैल को सन 1919 में महात्मा गांधी जी के नेतृत्व में पूरे देश में चल रहे सत्याग्रह आंदोलन के रूप में अंग्रेजी सरकार के काला कानून रौलट एक्ट जो कि भारतीयों की स्वतंत्रता आंदोलन की आवाज को दमनकारी नीतियों से बंद करने का काला कानून था जिसका विरोध कर रहे भारतीयों के ऊपर अंग्रेजी सरकार के अफसर जनरल डायर ने अंधाधुंध फायरिंग कर उन्हें मौत के घाट उतार दिया जिसमें 484 से ज्यादा लोगों की मृत्यु हो गई थी और 2000 से ज्यादा लोग घायल हो गए  इस घटना ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम पर सबसे अधिक प्रभाव डाला था और यही घटना ब्रिटिश शासन के अंत की शुरुआत बनी और जलियांवाला बाग की यह घटना अंग्रेजी सरकार की क्रूरता का वह दाग है जिसे कभी भारतीय भूल नहीं सकते
             कार्यक्रम के संयोजक अभिलाष केसरवानी रहे
         श्रद्धांजलि अर्पित करने वालों में मुख्य रूप सेविवेक अग्रवाल परमानंद वर्मा अजय अग्रहरि रश्मि जायसवाल बबीता जायसवाल मिथिलेश जयसवाल सरदार पति बिंदर सिंह विकास चौरसिया रजनीकांत श्रीवास्तव एवं अन्य सामाजिक लोग उपस्थित रहे

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