भारत ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र में जलवायु परिवर्तन के संबंध में कड़ा रुख अपनाया और कहा कि विकसित देशों द्वारा जलवायु एक्शन के लिए विकासशील देशों की 100 अरब डालर प्रदान करने की प्रतिबद्धता में अभी भी एक बड़ी दूरी मौजूद है। संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA76) के चल रहे 76 वें सत्र में जलवायु एक्शन पर बोलते हुए, संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने 100 अरब डालर की राशि के संबंध में कहा, ‘यह राशि NFL (नेशनल फुटबाल लीग, पेशेवर अमेरिकी फुटबाल टूर्नामेंट) की मीडिया से कमाई से भी कम है।’
लान्ग टाइम फाइनेंस पेरिस समझौते (पेरिस जलवायु समझौते) का एक प्रमुख स्तंभ रहा है, जिसने माना कि विकासशील देशों को प्रयासों को पूरा करने में मदद हेतु विकसित देशों के लिए जलवायु संकट से निपटने के वैश्विक प्रयासों में योगदान करना महत्वपूर्ण है। हालांकि, वित्तीय सहायता की यह प्रतिबद्धता- विकासशील देशों की जरूरतों का समर्थन करने के लिए जलवायु वित्त में सालाना 100 अरब डालर जुटाने के लिए 2010 में की गई थी, फिर भी इसमें अभी बहुत काम होना बाकी है।