जय हिंद” का नारा राष्ट्रीय नारा बन गया- सुनीता दुबे

 नैनी प्रयागराज/ यमुनापार विकास संघर्ष समिति की यमुनापार महिला ब्रिगेड की अध्यक्ष सुनीता दुबे ने आज अपनी महिला टीम के साथ   दुर्घटनाग्रसित,चोटिल समाजसेवी सरदार पतविंदर सिंह के निवास पर पहुंचकर हाल चाल लेते हुए महान क्रांतिकारी सुभाष चंद्र बोस की जयंती की पूर्व संध्या पर महिला अध्यक्ष सुनीता दुबे ने कहा कि नेताजी के नाम से मशहूर सुभाष चंद्र बोस ने देश के लिए ब्रिटिश नौकरी छोड़कर स्वतंत्रता संग्राम के ऐसे महान क्रांतिकारी भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थे एक ऐसे व्यक्तित्व जिसने अपने कार्यों से अंग्रेजी सरकार के छक्के छुड़ा दिएl
उन्होंने अपने संबोधित में आगे कहा कि आजाद हिंद फौज के संस्थापक दबंग व्यक्तित्व के धनी भारत भूमि के सच्चे सपूत और “जय हिंद” का नारा देने वाले सुभाष चंद्र बोस जी का जन्म 13 जनवरी 1897 को उड़ीसा के कटक नामक नगरी में जन्म हुआ था l
 संस्था की अध्यक्ष सुनीता दुबे ने अपने संबोधन में आगे कहा कि दुर्घटनाग्रसित,चोटिल समाजसेवी सरदार पतविंदर सिंह को उनके पिछले 28 वर्षों से लगातार किए जा रहे सामाजिक जागरूकता के कार्यक्रम को देखते हुए संस्था ने उन्हें सम्मानित करने का निर्णय किया है जबकि वास्तव में संस्था उन्हें सम्मानित कर खुद गौरवान्वित महसूस करते हुए संस्था स्वयं सम्मानित हो रही है  क्योंकि सरदार पतविंदर सिंह की निष्ठा,कर्तव्य और इनका समाज के प्रति बलिदान किसी से छुपा नहीं है ऐसे व्यक्तित्व के धनी समाजसेवी सरदार पतविंदर सिंह को संस्था अंगवस्त्र,पुष्पगुच्छ, सुभाष जी का चित्र भेंट कर गौरवान्वित महसूस करती हैl
रुचि तिवारी ने अपने संबोधन में कहा कि सुभाष चंद्र बोस ने
“तुम मुझे खून दो,मैं तुम्हें आजादी दूंगा” जय हिंद जिससे आज के दौर का युवा वर्ग प्रेरणा लेता है उनका “जय हिंद” का नारा भारत का राष्ट्रीय नारा बन गया निष्ठा,कर्तव्य और बलिदान से जीना होगाl
 गौरी तिवारी ने कहा कि उन्होंने सफलतापूर्वक आई. सी. एस. परीक्षा पास होने के बावजूद अपनी मातृभूमि की आजादी के लिए असहयोग आंदोलन से जुड़ गएll साथ में रही शैलजा,वनीता,  रीता,दलजीत कौर, वंदना आदि मातृशक्ति रहीl

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