जब राष्ट्र समझौतों का उल्लंघन करते हैं तो होती है भरोसे की क्षति, MEA जयशंकर ने ढाका से चीन पर साधा निशाना

चीन पर परोक्ष हमला बोलते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को कहा कि जब राष्ट्र कानूनी दायित्वों की अवहेलना या लंबे समय से चले आ रहे समझौतों का उल्लंघन करते हैं, तो भरोसे को भारी नुकसान पहुंचता है। बांग्लादेश की राजधानी ढाका में आयोजित हिंद महासागर सम्मेलन के छठे संस्करण को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा कि हिंद महासागर क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण साझा चिंता यह है कि अव्यवहार्य परियोजनाओं के माध्यम से ऋण का बोझ बढ़ाया जा रहा है।

चीन द्वारा भारत के साथ सीमा समझौते के उल्लंघन के संदर्भ में उन्होंने कहा कि जब राष्ट्र कानूनी दायित्वों की अवहेलना या लंबे समय से चले आ रहे समझौतों का उल्लंघन करते हैं। जैसा कि हमने देखा है कि इससे भरोसे को भारी नुकसान पहुंचता है। भारत पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन द्वारा बड़ी संख्या में सैनिकों की तैनाती और उसके आक्रामक व्यवहार की आलोचना करता रहा है, जो सीमा संबंधी समझौते का उल्लंघन है।

भारत शांति निभाने के लिए अपनी भूमिका निभाने के लिए प्रतिबद्ध

जयशंकर ने कहा कि पिछले दो दशकों के कुछ सबक हैं, जिन्हें हम अपने जोखिम पर अनदेखा करते हैं। यदि हम ऐसे अपारदर्शी ऋण और महंगी परियोजनाओं को प्रोत्साहित करते हैं, तो हमें पहले या बाद में इसका नुकसान उठाना होगा। इस दौरान बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा कि हिंद महासागर के तट पर राष्ट्रों के भविष्य के लिए उनके बीच सम्मान और आपसी विश्वास की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि मेरा देश क्षेत्र में शांति के लिए अपनी भूमिका निभाने के लिए प्रतिबद्ध है।

नेपाल और बांग्लादेश के विदेश मंत्री से मिले जयशंकर

इस दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पहली बार नेपाल के नए विदेश मंत्री एनपी सऊद से मुलाकात की और दोनों देशों के बीच ऊर्जा, कनेक्टिविटी और अन्य मुद्दों पर चर्चा की। जयशंकर ने एक ट्वीट में कहा कि नेपाल के वित्त मंत्री एनपी सऊद के साथ पहली अच्छी बैठक हुई। उन्हें नई जिम्मेदारी के लिए बधाई दी। हमारी लगातार बढ़ती साझेदारी में आगे के कदमों पर चर्चा की।

वहीं, सम्मेलन के इतर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने नेपाली समकक्ष नारायण प्रकाश सऊद से मुलाकात की और ऊर्जा, व्यापार, कनेक्टिविटी और पनबिजली में द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने के तरीकों पर चर्चा की।

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