शंकरगढ़/प्रयागराज।
जी हां यह शंकरगढ़ ब्लाक के अंतर्गत है इस जगह पर लगभग 70 वर्ष से माइनिंग का काम हो रहा था I
पिछले 7-8 साल पहले यहाँ माइनिंग बंद हुई हैI यह माइनिंग सिलका सेंड की होती थी I यहां पर एक पहाड़ है जो लगभग 200 बीघे का हैI
यहाँ पहले जंगल हुआ करता था लेकिन सिलका सेंड की माइनिंग के चलते यह जंगल भी कटा और पूरा पहाड़ भी खत्म हुआI
यह उबड़-खाबड़ जमीन केवल एक बंजर जमीन बनकर रह गई है I 2020-21 की गंगा पदयात्रा के साथ गंगा वृक्ष माल अभियान के समापन के दौरान तत्कालीन मंडलआयुक्त प्रयागराज संजय गोयल ने संपूर्ण टीम का स्वागत और अभिनंदन किया था I जिसमें उन्होंने वृक्षारोपण के कार्य को बहुत ही सराहनीय काम बताते हुए एक विशेष आग्रह किया था कि उनके प्रयागराज मंडल में प्रतिवर्ष लाखों पौधे लगाए जाते हैं लेकिन उनका सर्वाइवल रेट बहुत ही कम 2 से डेढ़ परसेंट ही रह जाता है तो उसके लिए हम क्या सहयोग दे सकते हैं I
यह उनका एक तरह से आग्रह था कि हम कुछ ऐसा करें कि प्रयागराज में प्रतिवर्ष हो रहे प्लांटेशन में सर्वाइवल रेट ज्यादा से ज्यादा रहे लेकिन कुछ अन्य व्यस्तता के चलते समय निकलता रहा और 1 साल ऐसे ही निकल गए , फिर मंडलायुक्त संजय गोयल साहब ने फिर से संपर्क किया और आगे कुछ बेहतर करने के लिए बात की I
इसके बाद मई-जून में जब संजय गोयल मंडलायुक्त प्रयागराज से ग्रीन इंडिया फाउंडेशन की टीम के सदस्य कालेश्वर मिश्रा और विजय शुक्ला प्रयागराज में आकर इस संबंध में मुलाकात की और चर्चा की और अपनी कार्य योजना उनके समक्ष रखी तो गोयल साहब बहुत प्रभावित हुए और तत्काल अपने सभी संबंधित अधिकारी-पदाधिकारी के साथ मीटिंग ऑर्गेनाइज करी और काम आगे बढ़ाने के लिए दिशानिर्देश जारी किए l दूसरे- तीसरे दिन से संबंधित लोगों ने यमुनापार की जमीन का सर्वे कराया I 8 से 10लोकेशन दिखाने पर 3 ब्लॉक मेजा, उरूआ, शंकरगढ़ में छह लोकेशन फाइनल की गई I जिसमें शंकरगढ़ में एक महत्वपूर्ण स्थान गाढ़ा कटरा जो सिलिका सैंड माइनिंग का एक बहुत बड़ा केंद्र बिंदु था का चयन किया गया I
3 से 4 महीने से ऊपर की जद्दोजहद के बाद अभी जाकर गाढ़ाकटरा में प्लांटेशन शुरू हुआ है जो एक ऐतिहासिक मिनी फॉरेस्ट बन कर तैयार होगा I
जिसको ग्रीन इंडिया फाउंडेशन ने “जन अरण्य” नाम दिया है I
70 वर्ष पूर्व की ही तरह इस जमीन को जंगल जैसी दिखाने की सफल कार्य योजना की परिकल्पना पूर्ण होने की आशा से शुरू की गई है I स्थानीय लोगों का बहुत ही उत्साह देखने को मिला, 70 से 80 साल के बुजुर्गों ने भी उस में अपनी सहभागिता निभाते हुए वृक्षारोपण किया और अपने परिवार के साथ खुशियां जाहिर की l
जन-अरण्य परियोजना प्रतिवर्ष लगाए जाने वाले पौधों से एकदम भिन्न हैI पहले जमीन तैयार की ज़ाती हैI जमीन तैयारी का एक प्रोसेस, एक लंबी प्रक्रिया हैI
अगर जमीन सही है तो ठीक है, वहां तो केवल पत्थर ही पत्थर था तैयार किया गया और फिर बाउंड्री सुरक्षा के लिए तैयार की गई पत्थर की ही और सिंचाई हेतु पानी सुनिश्चित करके वृक्षारोपण किया गया है I साथ के साथ दिन और रात चौकीदार भी तैनात रहेगा I चौकीदार और देखरेख की व्यवस्था अगले 3 साल तक ग्रीन इंडिया फाउंडेशन, प्रयागराज प्रशासन के साथ मिलकर इसकी देखरेख सुनिश्चित करेगा और आसपास के ग्रामीण जनों की सहभागिता रहेगी l जिस प्रक्रिया से पौधे लगाए गए हैं जो व्यवस्था निर्धारित की गई है इसमें सर्वाइवल रेट लगभग 80 परसेंट से नब्बे परसेंट होता ही हैI जो पौधे किन्हीं कारणों से मृत होते हैं, समयानुसार वहाँ उनकी रिफिल कर दी जाती है l तो एक तरह से हंड्रेड परसेंट पौधों का सर्वाइवल रेट सुनिश्चित हो जाता है l
इस अभियान में ग्रीन इंडिया फाउंडेशन के सदस्य विजय शुक्ला एवं कालेश्वर मिश्र के साथ स्थानीय स्तर पर प्रयागराज फाउंडेशन के अध्यक्ष एवं इलाहाबाद उच्च न्यायालय के अधिवक्ता शशांक शेखर पांडेय ने भी स्वयं शंकरगढ़ ब्लाक के गाढ़ा कटरा, खान सेमरा, मेजा ब्लॉक के कोहरार खेल मैदान में स्वयं जाकर वृक्षारोपण किया और जन अरण्य की देखभाल का संकल्प लिया l