जनपद की शिक्षिका डॉ.रीनू जायसवाल को मिलेगा राज्य पुरस्कार.

◆नवाचारों की पाठशाला चलाकर जीत लिया राज्य पुरस्का
◆खेल-खेल में पढ़ाती है बच्चों को रीनू,रंग लाई उनकी मेहन
प्रयागराज: संगमनगरी के कंपोजिट विद्यालय पालपुर,चाका की सहायक अध्यापिका डॉ.रीनू जायसवाल को राज्य अध्यापक पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है। गोरखपुर में होने वाले कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सम्मानित करेंगे। यह पुरस्कार शिक्षण के लिए तमाम नवाचार अपनाकर विद्यार्थियों को विषय से जोड़ने के लिए डॉ.रीनू जायसवाल को दिया जा रहा है। शिक्षिका रीनू जायसवाल की नियुक्ति बेसिक शिक्षा विभाग में 14 दिसंबर 2002 को प्राथमिक विद्यालय धनापुर,विकास खण्ड डीघ,जनपद भदोही में सहायक अध्यापिका के पद पर की गई तथा 16 दिसंबर 2016 से प्रयागराज जनपद के कंपोजिट विद्यालय पालपुर में कार्यरत है। शिक्षिका द्वारा उक्त दिनांक से लगातार शिक्षा को बेहतर बनाने में एवं बच्चों के शैक्षिक गुणवत्ता को सुधारने में हमेशा उल्लेखनीय योगदान रहा है। अध्यापिका बिना किसी शिकायत के लगातार विद्यालय में उपस्थित होती रही है। विषयगत अध्यापिका समय-समय पर अपने शिक्षण
 को प्रभावी बनाने के लिए नवाचार करती रहती हैं एवं शैक्षिक गुणवत्ता को सुधारने का प्रयास करती रहती हैं। शिक्षिका ने आईसीटी के माध्यम से बच्चों को शिक्षा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इनका नवाचार वृक्षों पर क्यूआर कोड अंकित कर जानकारी देना एवं बाल संसद का चुनाव एक सॉफ्टवेयर द्वारा कराना मीडिया में बहुत चर्चित रहा। इनके द्वारा कई रोचक टीएलएम बनाए गए हैं,जिससे छोटे बच्चों मे भाषायी एवं अंकीय दक्षता का विकास हुआ और कक्षा 1,2,3 के 90% से अधिक बच्चों ने निपुण लक्ष्य हासिल किया और उनके प्रयास के फलस्वरूप इनका विद्यालय निपुण विद्यालय की श्रेणी में दिसंबर 2023 में हुए डीएलएड असेसमेंट में 84% अंक प्राप्त कर चिन्हित हुआ है। शिक्षिका द्वारा जन जागरूकता के लिए अनेकों प्रयास किए गए जिसके कारण इनके विद्यालय में सामुदायिक सहभागिता का प्रतिशत बढ़ा है।अभी कुछ दिन पहले एक जन समुदाय द्वारा उनके विद्यालय को टैबलेट व दस हजार रुपये की धनराशि प्रदान की गई। इस धनराशि को शिक्षिका ने बच्चों के हाउस ड्रेस खरीदने के लिए प्रयोग किया और इनके द्वारा महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम में इन्होंने उन ग्रामीण महिलाओं को सम्मानित किया जो आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हैं। इस कार्यक्रम के फलस्वरूप अन्य महिलाओं मे भी आत्मनिर्भरता की भावना जागरूक हुई तथा वे परामर्श के लिए हमेशा  शिक्षिका के पास आती रहती हैं। जनपद प्रयागराज में पहली बार समर कैंप का आयोजन करने वाला विद्यालय पीएम श्री विद्यालय पालपुर था। सत्र 2022-23 में बच्चों के व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास करने हेतु शिक्षिका द्वारा समर कैंप का आयोजन किया गया था। इस समर कैंप में आयोजित गतिविधियों से प्रभावित होकर बेसिक शिक्षा अधिकारी ने पूरे जनपद में समर कैंप करने का निश्चय किया। तब से लगातार उनके विद्यालय में समर कैंप का आयोजन होता रहता है। सत्र 2024- 25  के समर कैंप का उद्देश्य छात्र-छात्राओं में जीविकोत्पार्जन कौशलों का विकास करना रहा। इनके द्वारा मतदाता जागरूकता अभियान के तहत किए गए नुक्कड़ नाटक व गीतों इत्यादि के माध्यम से किए गए कार्यों का प्रभाव यह रहा कि गांव की सभी महिलाएं वोट देने के लिए जागरूक हुई। इस संबंध में इनके द्वारा किए गए कार्य मीडिया में चर्चित रहे। बच्चों के ज्ञानार्जन एवं चरित्र निर्माण हेतु समय-समय पर  स्वयं के प्रयास से बच्चों को शैक्षणिक भ्रमण के लिए आसपास के ऐतिहासिक स्थलों पर ले जाया जाता है और स्वयं के प्रयास से विद्यालय में बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने हेतु झूला लगवाया गया तथा फर्नीचर की भी व्यवस्था की गई। नियमित उपस्थिति होने वाले छात्र-छात्राओं को शिक्षिका स्वयं के प्रयास से पुरस्कृत करती रहती हैं। जिसके फलस्वरूप विद्यालय  में बच्चों की उपस्थिति पर अच्छा प्रभाव पड़ा है। स्कूल चलो अभियान एवं पीएमश्री विद्यालय के प्रचार प्रसार हेतु शिक्षिका द्वारा बच्चों के साथ रैली निकाल कर, घर-घर जाकर तथा विद्यालय में अभिभावक उन्मुखीकरण कार्यक्रम के द्वारा जन जागरूकता एवं जन भागीदारी कार्यक्रम किया गया। विद्यालय के सभी कक्षा- कक्ष एवं प्रांगण को सुसज्जित करने में भी अपनी अमिट छाप छोड़ी है। कक्षा-कक्ष की आंतरिक दीवारों पर उन्होंने स्वयं  बाला पेंटिंग की है। विद्यालय का परिवेश भी पेंड- पौधों एवं गमलों से सुस्सज्जित है। शिक्षिका के अथक प्रयासों के फलस्वरुप ही आज कंपोजिट विद्यालय पालपुर पीएमश्री विद्यालय के अंतर्गत चयनित है। पीएमश्री विद्यालय पालपुर चाका के उत्कृष्ट विद्यालयों मे से एक है जिसमे डॉ.रीनू जायसवाल का सृजनात्मक योगदान है। इनके द्वारा न केवल विद्यालय स्तर अपितु ब्लॉक, जनपद व राज्य स्तर पर अनेकों कार्य किए गए। राज्य हिंदी संस्थान उ0प्र0 वाराणसी द्वारा आयोजित क्षेत्रीय भाषा में कहानी लेखन प्रतियोगिता में इन्होंने पूरे प्रदेश में प्रथम स्थान प्राप्त किया तथा राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद उ0प्र0 लखनऊ  द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय कला,क्राफ्ट,पपेट्री प्रतियोगिता में भी इन्होंने प्रथम स्थान प्राप्त कर जनपद प्रयागराज को गौरवान्वित किया है। शिक्षिका द्वारा विभिन्न शैक्षिक कार्यक्रमों, विभिन्न मेलों में शैक्षिक स्टॉल लगाकर बेसिक शिक्षा के कार्यक्रमों को जनमानस तक पहुंचने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। समाज में उक्त शिक्षिका की छवि बहुत ही शानदार है। सामाजिक सहभागिता में इनका कार्य उल्लेखनीय है। निपुण भारत मिशन के तहत प्रदेश भर के सभी नवाचारी शिक्षकों के प्रयासों को एक मंच पर लाने के उद्देश्य से दिसंबर 2023 में बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रयागराज के मार्गदर्शन में जनपद प्रयागराज में विभिन्न विभागीय अधिकारियों की मौजूदगी में प्रादेशिक कार्यशाला आयोजित की। इस कार्यशाला में लगे टीएलएम स्टॉल एवं पीपीटी द्वारा शिक्षकों ने अपनी प्रतिभा का अद्भुत प्रदर्शन किया। कार्यशाला में उपस्थित मुख्य अतिथि सीमैट निदेशक, डायट प्राचार्य, आंग्ल भाषा प्राचार्य एवं बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा शिक्षिका के इस कार्य की सराहना की गई व सम्मानित किया गया। शिक्षिका के विरुद्ध कोई प्रशासनिक विधि अपराधिक सतर्कता की जांच, विभागीय जांच अथवा कार्यवाही लंबित नहीं है। इनका चरित्र उत्तम है। शिक्षिका द्वारा नियमित रूप से विद्यालय में उपस्थित होकर पूर्ण निष्ठा एवं ईमानदारी पूर्वक शिक्षण कार्य निरंतर किया जा रहा है। इनका कार्य एवं व्यवहार उत्तम एवं उत्कृष्ट है। इनके उक्त कार्यों को देखते हुए मैं यह कह सकता हूं कि डॉ.रीनू जायसवाल एक कर्तव्यनिष्ठ,आदर्श एवं नवाचारी शिक्षिका है। इस मेहनत का प्रतिफल डॉ.रीनू को मिला और उन्हें राज्य पुरस्कार के लिए चुना गया।।

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