प्रयागराज। जिलाधिकारी प्रयागराज ने संगम सभागार में गुरूवार को जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में जननी सुरक्षा योजना की रूरल एवं अर्बन प्रगति की समीक्षा की। मानक के अनुरूप प्रगति न होने वाले ब्लाकों को चेतावनी देते हुए कहा कि जिन ब्लाकों की प्रगति रिपोर्ट 75 प्रतिशत से कम होगी, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने खराब प्रदर्शन करने वाले ब्लाकों को सुधार लाने का निर्देश दिया।
जिलाधिकारी भानुचंद्र गोस्वामी ने फस्र्ट रिफरल यूनिट की समीक्षा के दौरान नाराजगी व्यक्त करते हुए खराब प्रदर्शन करने वाले ब्लाकों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया। कहा अगर कोई सुधार नहीं होता है तो इन्हें बंद कर देना ही उचित होगा। जननी सुरक्षा की पेमेंट स्थिति की समीक्षा में कहा कि यह किसी भी परिस्थिति में 90 प्रतिशत से कम न रहे। प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान की समीक्षा में जिलाधिकारी ने रजिस्टेªशन स्थिति की जानकारी ली तथा 50 प्रतिशत कम रजिस्टेªशन वाले ब्लाकों में कार्यरत संविदा कर्मियों को सुधार लाने के निर्देश दिए। कहा यदि कार्य में सुधार नहीं आता है तो ऐसे संविदा कर्मियों को बाहर किया जाए। फेमिली प्लानिंग की समीक्षा में कहा कि हमें छोटे परिवार के बारे में उनके अंदर जागरूकता पैदा करना होगा, जिससे वे फेमिली प्लानिंग के महत्व को समझ सके एवं अपना सकें।
जिलाधिकारी ने इम्यूनाइजेशन कार्यक्रम के तहत लगने वाले विभिन्न प्रकार के टीके की समीक्षा की। कहा कि इसके लिए एएनएम की दो महीने एक बार टेªनिंग अवश्य होनी चाहिए। उन्होंने रिप्रोडक्टिव चाइल्ड हेल्थ एवं यूपी डैश बोर्ड रैकिंग तथा राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के प्रगति रिपोर्ट की भी जानकारी प्राप्त की एवं अच्छा प्रदर्शन करने वालों को अपनी तरफ से प्रशस्ति पत्र देने का निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने बैठक के दौरान आशा बहनों की नई नियुक्ति के बारे में मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया कि इसके बारे में गाइडलाइन बनाकर तत्काल भर्ती प्रक्रिया पूरी करें। साथ ही उन्होंने 1000 रू. से कम वेतन पाने वाली आशाओं के खिलाफ कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए। कहा कि इससे पता चलता है कि वे अच्छा कार्य नहीं कर रही हैं।
आयुष्मान भारत कार्ड एवं गोल्डन कार्ड की समीक्षा में खराब प्रदर्शन वाले ब्लाकों को कार्य में सुधार लाने का निर्देश दिया। कहा कि आयुष्मान कार्ड एवं गोल्डेन कार्ड धारकों को इम्पैनल्ड प्राइवेट अस्पतालों में मुफ्त इलाज हेतु रेफर किया जाए। कहा कि आरोग्य मेले में आने वाले मरीजों में से जिसका इलाज सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर सम्भव न हो, उन्हें इम्पैनल्ड प्राइवेट अस्पताल में रेफर करें, जिससे मरीज का मुफ्त एवं अच्छा इलाज हो सके। निर्देश दिया कि जिन गांवों में आयुष्मान भारत एवं गोल्डेन कार्ड की प्रगति अच्छी नहीं है, वहां एक सप्ताह के भीतर कम से कम 10 कार्ड प्रति ग्राम जरूर बनना चाहिए। उन्होंने 09 फरवरी को लगने वाले दूसरे मुख्यमंत्री आरोग्य मेले के बारे में जानकारी प्राप्त की और इसके व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए जरूरी कदम उठाने का निर्देश सभी सम्बन्धित अधिकारियों को दिया।