उत्तराखंड से किन्नौर जिले के छितकुल के लिए निकले ट्रैकर दल की तलाश के लिए किन्नौर जिला प्रशासन सक्रिय हो गया है। आइटीबीपी का दल किन्नौर प्रशासन से संपर्क करने के बाद सुबह करीब साढ़े चार बजे सर्च अभियान पर निकल गया है। वहीं, सेना के हेलिकाप्टर की मदद से सर्च अभियान चलाया जा रहा है।
उपायुक्त किन्नौर आबिद हुसैन सादिक ने बताया कि आज सुबह भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी) के दल को लापता लोगों को ढूंढने के लिए भेज दिया गया है। प्रशासन ने ट्रैकर का साथ छोड़कर आए पोर्टर का पता लगा लिया है। उन्हें सांगला पुलिस स्टेशन लाया गया है। पोर्टर की मदद से ही प्रशासन व आइटीबीपी की टीम ट्रैकर दल तक पहुंचने का प्रयास कर रही है। ट्रैकर दल किस रास्ते से आ रहा था पोर्टर से इसकी जानकारी लेकर सर्च टीम ने अभियान शुरू कर दिया है। सेना के हेलिकाप्टर की भी मदद ली जा रही है।जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी किन्नौर स्वाति डोगरा ने बताया आइटीबीपी से लगातार संपर्क किया जा रहा है। ट्रैकर के लम्खागा पास के करीब होने की सूचना है। आइटीबीपी की टीम वीरवार सुबह इन्हें तलाश करने निकल गई। ये ट्रैकर उत्तराखंड के हर्षिल से लम्खागा पास होते हुए हिमाचल के छितकुल ट्रैकिंग रूट पर निकले थे। 11 सदस्यीय दल ने मंगलवार को छितकुल पहुंचना था, लेकिन वह नहीं पहुंच पाए व न ही उनका कोई सुराग लग पाया। अब आइटीबीपी की रेस्क्यू टीम की मदद से इन्हें तलाश किया जाएगा।
बताया जा रहा है 11 सदस्यीय दल में आठ ट्रैकर और तीन रसोइये हैं, इसके अलावा इनके साथ पोर्टर भी थे। पोर्टर छितकुल पहुंच गए हैं, इनकी मदद से ही पुलिस व आइटीबीपी टीम ट्रैकरों तक पहुंचने की कोशिश करेगी।
बीते दिनों बिगड़ा मौसम चिंता बढ़ा रहा है। दो दिन पहले प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में भारी बर्फबारी हुई है। इसके अलावा किन्नौर में तूफान भी चला था, जिससे प्रशासन की चिंता बढ़ रही है। हालांकि क्यास लगाए जा रहे हैं कि ट्रैकर यदि पहाड़ों में बनी गुफाओं की आड़ में रुक गए होंगे तो वे पूरी तरह से सुरक्षित होंगे।11 सदस्यीय दल में सात ट्रैकर कोलकाता व पश्चिम बंगाल के हैं, जबकि एक दिल्ली की महिला भी शामिल है। इसके अलावा कुकिंग स्टाफ में उत्तरकाशी के तीन लोग शामिल हैं।