छत बनवाने के दौरान नहीं करनी चाहिए ये गलतियां

हम सभी घर के सामानों के अच्छे से रख-रखाव पर ध्यान देते हैं। न सिर्फ इससे हमारा घर सुसज्जित रहता है, बल्कि यह देखने में भी अच्छा लगता है। वहीं घर में रखी हर एक चीज वास्तु के मुताबिक हो, तो उसका महत्व और भी बढ़ जाता है। वास्तु के अनुसार, घर की चीजों को बनवाने या रखने से घर में सुख-शांति कायम होती है। वास्तु के नियमों का ध्यान रखने से घर में सौहार्द आता है और मां लक्ष्मी की कृपा बरसती है।ऐसे में लोग घर में कुछ बनवाने, रखने या पुरानी वस्तुओं को बाहर निकालने के लिए वास्तु शास्त्र की मदद लेते हैं। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि घर की छत बनवाने के लिए वास्तु के किन नियमों का ध्यान रखना चाहिए। साथ ही यह भी जानेंगे कि घर की छत पर क्या चीजें रखनी चाहिए और किन चीजों को भूलकर भी घर की छत में नहीं रखना चाहिए।

छत बनवाते समय न करें ये गलतियां

बता दें कि छत की ढलान उत्तर-पूर्व या ईशान्य दिशा में होनी चाहिए। इससे घर में सुख-समृद्धि और धन का आगमन होता है।

छत का ढलान दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पूर्व की ओर होनी चाहिए।

हर घर की छत पर पानी की टंकी रखी होती है। वास्तु के मुताबिक पानी की टंकी दक्षिण-पश्चिम दिशा में रखनी चाहिए।

वहीं छत की ऊंचाई कम से कम 8.5 फुट ऊंची होनी चाहिए।

जिस तरह से घर को साफ-सुथरा रखते हैं, ठीक उसी तरह से छत को भी साफ रखना चाहिए।

घर की छत पर भूलकर भी कूड़ा-कबाड़ा नहीं रखना चाहिए।

इसके साथ ही छत पर झाड़ू नहीं रखना चाहिए।

छत पर कभी भी बोनसाई या कांटेदार पौधे नहीं लगाना चाहिए।

छत पर टेरेस गार्डन बनाने के दौरान दक्षिण और पश्चिम दिशा में भारी और बड़े पेड़ नहीं लगाना चाहिए।

छत का नैऋत्य कोण जितना ऊंचा होता है, यह उतना ही शुभ माना जाता है।

दक्षिण दिशा में घर की छत से जुड़ा खंबा होना चाहिए।

हमेशा छत पर खुली जगह उत्तर-पूर्व दिशा में होनी चाहिए।

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