चैत्र नवरात्रि की नवमी के दिन करें हवन, जानें मुहूर्त और विधि

नवरात्रि पर्व को भारत में बड़े ही उत्साह और धूमधाम से मनाया जाता है। नवरात्रि के 9 दिनों में मां दुर्गा के अलग-अगल स्वरुपों की उपासना की जाती है। चैत्र नवरात्र का आरंभ 09 अप्रैल से हुआ और इसका  समापन  17 अप्रैल को होगा। अष्टमी और नवमी तिथि के दिन कन्या पूजन की जाती है। इस पूजन को कंजक पूजा भी कहा जाता है। इस दौरान हवन करना काफी महत्वपूर्ण है। दरअसल, नवमी तिथि 17 अप्रैल को है। इस दिन हवन करने से मनुष्य के जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है और सभी परेशानियां दूर हो सकती है। चलिए आपको नवमी तिथि के दिन हवन का शुभ मुहूर्त बताते हैं।

हवन की सामग्री

नवमी तिथि 17 अप्रैल को है, इस दिन आप हवन के लिए गोला, मुलैठी की जड़, कलावा, हवन कुंड, लाल रंग का कपड़ा, अश्वगंधा, सूखी लकड़ियां, ब्राह्मी, चंदन की लकड़ी, बेल, नीम, पीपल का तना, आम की लकड़ी, छाल, गूलर, पलाश आदि। इसके अलावा काला तिल, कपूर, चावल, गाय की घी, लोभान, इलायची, जौ, शक्कर और लौंग।

हवन कैसे करें?

नवमी तिथि के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान-ध्यान करें। इसके बाद साफ वस्त्र पहनें। अब हवन कुंड बनाएं। इसके बाद घी का दीपक और धूप जलाएं। हवन कुंड पर स्वास्तिक जरुर बनाएं और फिर विधिवत रुप से मां दुर्गा के नौ रुपों की उपासना करें। इसके बाद हवन कुंड में आम की लकड़ी से अग्नि जलाएं और अग्नि में शहद समेत हवन सामग्री का विधिवत रुप से आहुति दें। फिर आप, जीवन में सुख और शांति के लिए मां दुर्गा से प्रार्थना करें

हवन के दौरान इन मंत्रो का उच्चारण करें

– ऊं आग्नेय नम: स्वाहा

-ऊं गणेशाय नम: स्वाहा

ऊं गौरियाय नम: स्वाहा

-ऊं नवग्रहाय नम: स्वाहा

-ऊं दुर्गाय नम: स्वाहा

-ऊं महाकालिकाय नम: स्वाहा

-ऊं हनुमते नम: स्वाहा

-ऊं भैरवाय नम: स्वाहा

-ऊं कुल देवताय नम: स्वाहा

-ऊं न देवताय नम: स्वाहा

-ऊं ब्रह्माय नम: स्वाहा

-ऊं विष्णुवे नम: स्वाहा

-ऊं शिवाय नम: स्वाहा

-ऊं जयंती मंगलाकाली, भद्रकाली कपालिनी दुर्गा क्षमा शिवाधात्री स्वाहा

-स्वधा नमस्तुति स्वाहा।

– ऊं ब्रह्मा मुरारी त्रिपुरांतकारी भानु: शशि भूमि सुतो बुधश्च: गुरुश्च शुक्र शनि राहु केतव सर्वे ग्रहा शांति करा भवंतु स्वाहा।

हवन के दौरान इन मंत्रों के उच्चारण करें। ऐसा करने से व्यक्ति को सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है। हवन करते समय मंत्रों के उच्चारण करना बेहद शुभ फलदायी होता है। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

Related posts

Leave a Comment