चुनावी घोषणापत्र में नेपाली कांग्रेस ने सीमा विवाद निपटाने का किया वादा

नेपाल में 20 नवंबर को देश के आम चुनाव होने हैं। इसके लिए नेपाल की सबसे बड़ी पार्टी नेपाली कांग्रेस ने अपना चुनावी घोषणा पत्र जारी कर दिया है। इसमें नेपाली कांग्रेस ने राजनयिक चैनलों के माध्यम से भारत के साथ सीमा मुद्दों को हल करने का वादा किया है। नेपाली कांग्रेस (नेकां) ने अपने घोषणापत्र में वादा करते हुए कहा है कि कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधुरा के मुद्दों को राजनयिक माध्यमों से हल किया जाएगा।

सीमा विवाद को सुलझाने का वादा
नेपाली कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में कहा कि भारत के साथ, सुस्ता, कालापानी, लिपुलेख और लिंपियादुरा में सीमा मुद्दों को राजनयिक चैनलों के माध्यम से हल किया जाएगा। इसी तरह, हुमला की उत्तरी सीमा पर चीन के साथ मुद्दों को भी राजनयिक बातचीत के माध्यम से हल किया जाएगा।

पार्टी के अध्यक्ष और मौजूदा कार्यवाहक सरकार के प्रधान मंत्री शेर बहादुर देउबा, नेपाली कांग्रेस के पदाधिकारियों और घोषणा पत्र तैयार करने वाली समिति के सदस्यों ने शनिवार को पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में एक समारोह के बीच चुनावी घोषणापत्र को जारी किया।

ये संकल्प भी हैं घोषणा पत्र में  
राजनयिक चैनलों के माध्यम से सीमा विवाद सुलझाने के कबम के अलावा नेपाली कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणापत्र में सदन को भंग करने जैसे अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक कदम नहीं उठाने का भी संकल्प किया है। नेपाली कांग्रेस का चुनावी घोषणा पत्र 52 पृष्ठों का है। इसे पांच अध्याय के तहत विभाजित किया गया है। नेपाली कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र के पांच अध्यायों समकालीन राजनीति और राष्ट्रीय मुद्दे, इतिहास के सात दशक: लोकतंत्र की लंबी यात्रा, समृद्ध नेपाल का रोडमैप, संघवाद और प्रांतीय सरकारों को मजबूत करना, क्षेत्रीय प्राथमिकताएं और पार्टी की प्रतिबद्धता के तहत विभाजित किया है।

क्या है भारत नेपाल के बीच सीमा विवाद
नेपाल की कैबिनेट ने 2020 मई में भारत के साथ सीमा विवाद के बीच लिपुलेख, कालापानी व लिंपियाधुरा को अपने क्षेत्र में दिखाते हुए नया राजनीतिक नक्शा जारी किया था। भारत ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे एकतरफा कार्रवाई बताया था। साथ ही काठमांडू को आगाह किया कि क्षेत्रीय दावों का ऐसा कृत्रिम विस्तार स्वीकार नहीं होगा। भारत ने भी नवंबर 2019 में एक नया नक्शा प्रकाशित किया था जिसमें इन क्षेत्रों को अपने क्षेत्रों के रूप में दिखाया गया था।

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