चीन में बढ़ते कोरोना मामलों के बीच चीनी सरकार सख्त शून्य- कोविड नियम का पालन कर रही है, जिसकी निंदा खुद चीन के नागरिक कर रहे हैं और दुनियाभर में इस कदम की आलोचना की जा रही है। कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए चीन की सरकार ने शून्य- कोविड नियम के साथ लाकडाउन भी कर रही है। इन कड़े नियमों ने चीनी नागरिकों को नुकसान पहुंचाने के अलावा, अब दुनिया के लिए भी खतरा बन रही है, क्योंकि चीन के इस नियम के कारण बंदरगाहों पर फंसे सैकड़ों मालवाहक जहाजों को यूं ही छो
दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी शिपिंग कंपनी मार्सक ने सुझाव दिया है कि लाकडाउन ट्रक सेवाओं को गंभीर रूप से प्रभावित करेगा और परिवहन लागत में अप्रत्याशित स्तर पर वृद्धि होगी। ऐसा कहा जाता है कि दुनिया का 90% माल समुद्र के द्वारा पहुँचाया जाता है।
माल ढुलाई शुल्क बढ़ने से वैश्विक व्यापार नकारात्मक रूप से प्रभावित हो सकता है। इनसाइड ओवर की रिपोर्ट है कि व्यवसाय इस दुर्भाग्यपूर्ण विकास को बर्दाश्त नहीं करेंगे और लागतों को ग्राहकों पर लादा जाएगा।
शंघाई बंदरगाह पर भारी यातायात प्रतिबंधों के कारण रसद कंपनियों ने पोत ऑपरेटरों को अन्य बंदरगाहों पर उत्पादों को उतारने की सलाह दी है।
अंतत: ग्राहकों को अतिरिक्त शिपमेंट और स्टोरेज शुल्क वहन करना पड़ता है। इस प्रकार चीन अपने सबसे खराब आर्थिक प्रकोप से गुजर रहा है और इसलिए माल ढुलाई शुल्क में वृद्धि से वैश्विक व्यापार पर भी आर्थिक प्रभाव पड़ सकता है।