चार लड़ाकू जेट ने किया था ईरान के विमान का पीछा, वायुसेना प्रमुख ने बताई वजह

ईरान के विमान में बम होने की सूचना मिलने के बाद मचे हड़कंप व भारत के लड़ाकू विमानों द्वारा उसका पीछा करने व ऐसे हालात से निपटने के तरीकों को लेकर वायसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने आज पूरा खुलासा किया। तेहरान से चीन के ग्वांगझू जा रहे ईरान की महान एयरलाइंस के विमान में कल बम होने की सूचना मिली थी। हालांकि बाद में यह सूचना अफवाह निकली और विमान सुरक्षित रूप से ग्वांगझू पहुंच गया था।

वायुसेना प्रमुख वीआर चौधरी ने बताया कि ईरान के विमान से जुड़े पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी। पाकिस्तान के लाहौर एयर ट्रैफिक कंट्रोल (Lahore ATC) ने महान एयरलाइंस के इस विमान में बम होने की सूचना दी थी। तब यह विमान भारतीय हवाई क्षेत्र में पहुंच चुका था। पायलट ने विमान को दिल्ली एयरपोर्ट पर उतारने की अनुमति मांगी। दिल्ली एटीसी ने विमान के पायलट को जयपुर या चंडीगढ़ में उतरने का निर्देश दिया।

इसी बीच विमान में बम की सूचना भारतीय वायुसेना को दी गई। वायुसेना ने तुरंत पहले दो लड़ाकू विमान ईरानी विमान के पीछे तैनात कर दिए। कुछ ही देर बाद एक दो और लड़ाकू विमान ईरानी फ्लाइट की घेराबंदी के लिए भेजे गए। इस बीच ईरान के पायलट ने विमान को जयपुर या चंडीगढ़ में उतारने से इनकार कर दिया। वह विमान को ईरानी विमानन अधिकारियों के निर्देश पर चीन की ओर लेकर उड़ता रहा।

ईरानी विमान को सुरक्षा कवर दिया गया : एयर चीफ मार्शल चौधरी
वायु सेना प्रमुख चौधरी ने बताया कि संभावित बम के खतरे से निपटने के लिए हमारे लड़ाकू विमानों ने उसे सुरक्षा कवर देने के लिए सुखाई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान तैनात किए थे। उन्होंने बताया कि उड़ते विमान में बम की सूचना मिलने पर उसे रोकने या निलंबित करने का प्राथमिक तरीका उसे नुकसानदायक या संदिग्ध मानकर घेरना और उसके पायलट या जिसके हाथ में उसका नियंत्रण है, उसे संकेत देना होता है कि विमान को नष्ट किया जा सकता है। इसलिए मानक विमान संचालन प्रक्रिया के आधार पर ईरानी विमान के पीछे दो लड़ाकू विमान एक पंजाब एयरबेस से और उसके बाद एक दो और लड़ाकू विमानों ने अन्य एयरबेस से लगाए गए।

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