चाचा पशुपति पारस ने फिर बढ़ाई चिराग की टेंशन, कहा- जबतक राजनीति में जिंदा हूं, हाजीपुर से चुनाव लडूंगा

2024 चुनाव को लेकर राजनीतिक दिलचस्प मोड़ पर खड़ी है। खेमा एक होने के बावजूद भी राजनीतिक दलों के बीच वार-पलटवार का दौर जारी है। चिराग पासवान और उनके चाचा केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस एनडीए का हिस्सा तो है लेकिन हाजीपुर सीट को लेकर दोनों नेताओं के बीच जुबानी जंग जारी है। चिराग पासवान अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ाने की कोशिश में हाजीपुर से चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं। तो ही वर्तमान सांसद और केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस साफ तौर पर कह रहे हैं कि जब तक राजनीति में रहूंगा, तब तक मैं हाजीपुर से ही चुनाव लड़ूंगा।

पशुपति पारस ने चिराग पासवान पर निशाना साधते हुए कहा कि मैं जब तक राजनीति में जिंदा हूं, हाजीपुर से ही चुनाव लड़ूंगा। जिनको भी मैदान में आना है वह आ जाए। उन्होंने कहा कि मैं एनडीए का ही पार्ट रहूंगा। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि सामने चिराग लड़ रहे हैं या कोई और मैं लडूंगा ही। मैं एनडीए गठबंधन से ही चुनाव लड़ूंगा। चिराग के पैर छूने को लेकर भी पशुपति पारस की बात कही। उन्होंने कहा कि वह रिश्ता अलग है और राजनीति का रिश्ता अलग है। मुझे हाजीपुर से चुनाव लड़ने से कोई ताकत नहीं रोक सकती। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भाजपा के बड़े नेताओं की जो सहानुभूति मेरे साथ है, वह किसी और के साथ नहीं है। दूसरी ओर रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान का दावा है कि उन्होंने जब से होश संभाला है, तब से वह पिता को हाजीपुर का ही प्रतिनिधित्व करते देखते रहे। इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि पिता द्वारा हाजीपुर में कराए गए कुछ काम अधूरे हैं जिससे उन्हें पूरा करना है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि हाजीपुर उनके पिता की विरासत है और वह यहां से चुनाव लड़ेंगे। इसके साथ ही एनडीए की बैठक में उस समय आश्चर्यजनक रूप से चिराग पासवान ने अपने चाचा पशुपति कुमार पारस के पैर छुए थे। पशुपति पारस ने भी चिराग को गले लगाया। हालांकि, पिछले 1 साल से दोनों के बीच जबरदस्त दूरियां देखी गई।

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