चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) को नेतृत्व की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा

चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के तीसरे कार्यकाल के चुने जाने के बाद भी चीन में राजनीतिक उथल-पुथल की स्थिति बनी हुई है। चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) को नेतृत्व की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इनमें दीर्घकालिक शासन, सुधार और आधुनिकीकरण की परीक्षा, अर्थव्यवस्था और बाहरी वातावरण को पुनर्जीवित करना शामिल हैं। एक ऑनलाइन न्यूज पोर्टल में प्रकाशित लेख में यह दावा किया गया है।

लेख में कहा गया है कि चीन की जनता का राष्ट्रपति शी के नेतृत्व के साथ-साथ सीसीपी पर भी विश्वास कम हुआ है। इसके पीछे मुख्य कारण भ्रष्टाचार, पार्टी की सत्ता लोभी कार्यशैली और सरकार में जनता की भागीदारी नहीं होना माना जा रहा है। लेख में चीन के केंद्रीय राष्ट्रीय सुरक्षा आयोग कार्यालय के उप-निदेशक लियू हैक्सिंग (Liu Haixing) के हवाले से कहा गया है कि चीन की कम्युनिस्ट सरकार के सामने मौजूदा राष्ट्रीय चुनौतियां भविष्य में नई समस्याएं पैदा कर सकती हैं।

इस लेख में सीसीपी की 20वीं कांग्रेस में राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बयान को दर्शाया गया है। जिसके मुताबिक, चीन विकास के पथ आगे बढ़ा है जिसमें अवसर, जोखिम और चुनौतियां मौजूद हैं। हालांकि चीन में अनिश्चितताएं और अप्रत्याशित कारक बढ़ रहे हैं। हैक्सिंग ने सावधान किया है कि देश में ‘ग्रे राइनो’ और ‘ब्लैक स्वान’ जैसी आपदाएं किसी भी समय दस्तक दे सकती हैं।

कोविड से हुई उथल-पुथल से पार्टी नेतृत्व को लगा झटका
लेख के मुताबिक, सीसीपी अपने काम करने के तरीक, साफ-सुथरी छवि की सरकार देने और भ्रष्टाचार विरोधी पहल के लिए जानी जाती है। हालांकि, 1989 के तियानानमेन स्क्वायर दंगों के बाद, पहली बार कोविड महामारी के कारण हुई उथल-पुथल से पार्टी नेतृत्व को झटका लगा है और यह देश में संकट की आशंका का संकेत देता है।

लियू का मानना है कि आर्थिक विकास में गिरावट अभी भी एक प्रमुख मुद्दा है। मांग में कमी, आपूर्ति में कमी और उम्मीदों के कमजोर होने के तिहरे दबाव से आर्थिक विकास सुस्त पड़ रहा है। इस दिशा में सुधार अब भी चुनौतीपूर्ण है। इसके अलावा विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्षेत्र के विकास में अब भी कई बाधाएं मौजूद हैं। साथ ही खाद्य, ऊर्जा और संसाधनों की सप्लाई चेन की सुरक्षा एक महत्वपूर्ण मुद्दा है।

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