घर में सकारात्मक उर्जा लाने हेतु इन वास्तु नियमों का जरूर करें पालन

सनातन धर्म में वास्तु शास्त्र का विशेष महत्व है। खासकर गृह निर्माण में वास्तु नियमों का कठोरता से पालन किया जाता है। ज्योतिषों की मानें तो वास्तु नियमों का पालन करने से घर में सुख समृद्धि का आगमन होता है। साथ ही बुरी शक्तियों का नाश होता है। वहीं, गृह निर्माण समेत गृह में समानों के रख रखाव में वास्तु नियमों का पालन न करने से घर में नेगेटिव एनर्जी दस्तक देती है। इससे घर में हर समय कलह जैसी स्थिति बनी रहती है। इसके अलावा, घर से लक्ष्मी चली जाती हैं। इसके लिए वास्तु नियमों का जरूर पालन करें। अगर आप भी अपने घर सकारात्मक शक्ति लाना चाहते हैं, तो वास्तु शास्त्र के इन नियमों का जरूर पालन करें-

घर की उत्तर पश्चिम दिशा में चंद्रमा का वास होता है। अतः इस दिशा में कूड़े-कचरे को बिल्कुल न फेंकें। साथ ही इस दिशा में अंधेरा न रखें। इससे घर के लोग बीमार पड़ते हैं।

-घर में भूलकर भी युद्ध और हिंसा से संबंधित तस्वीर न लगाएं। इससे घर में कलह की स्थिति पैदा होती है।

-घर की उत्तर पूर्व दिशा में बृहस्पति देव का वास होता है। इसके लिए उत्तर पूर्व दिशा में पूजा घर रखें। मंदिर में देवी-देवताओं का मुख पूर्व की दिशा में रखें। एक चीज का ध्यान रखें कि पूजा गृह में कभी भी पितरों की तस्वीर न लगाएं।

-ज्योतिषों की मानें तो नदी, सरोवर और सागर समेत बहती जलधारा की तस्वीर लगाने से घर में सकारात्मक शक्ति का संचार होता है।

-घर की दक्षिण पूर्व दिशा में अग्निदेव का वास होता है। इसके लिए रसोईघर में दक्षिण पूर्व दिशा में रखें।

-घर में प्रवेश हेतु एक द्वार ही रखें। वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर के मुख्य द्वार पर तीन दरवाजे शुभ नहीं होता है। घर में प्रवेश हेतु उत्तर और पूर्व की दिशा बेहतर होता है।

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