घर के सामने सूखे कुएं में मिली किशोरी की लाश

कौशांबी  ! कोखराज थाना क्षेत्र के गिरधरपुर गांव की एक किशोरी की लाश शुक्रवार को 9 बजे कुएं में पड़ी होने की जानकारी लोगों ने पुलिस को दी मौके पर पहुंची पुलिस ने किशोरी की लाश को कुएं से निकालकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है किशोरी की मौत पर उनके परिजनों का कहना है कि किशोरी का मानसिक संतुलन ठीक नहीं था और परिजनों के इस बयान को चौकी पुलिस ने भी बिना साक्ष्य एकत्रित किए उनकी बातों का समर्थन कर दिया है लेकिन कुएं से निकली किशोरी की लाश में तमाम चोट के निशान के बाद भी कहीं भी खून के निशान नहीं थे जो तमाम सवालों को जन्म दे रहे हैं

जानकारी के मुताबिक कोखराज थाना क्षेत्र के गिरधरपुर गांव की सीता देवी उम्र 22 वर्ष लागभग पुत्री हीरालाल के घर से सौ कदम की दूरी पर एक सूखे कुएं में शुक्रवार की सुबह सीता देवी की लाश पड़ी थी इस बात की चर्चा परिजनों ने ही ग्रामीणों के बीच  बनाई सीता देवी के आत्महत्या कर लिए जाने की चर्चा गांव में जंगल की आग की तरह फैल गई और जिसने भी सुना कि हीरालाल की जवान बेटी ने कुएं में कूदकर आत्महत्या कर लिया है वह घटनास्थल की ओर दौड़ते चला आया सूचना स्थानीय पुलिस चौकी को भी दी गई मौके पर पहुंची पुलिस ने कुएं से किशोरी की लाश को बाहर निकालकर कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है सूखे कुए से जब किशोरी की लाश बाहर निकाली गई तो उस लाश में कहीं भी खून के निशान नहीं थे जबकि शरीर में चोट के निशान हैं यदि जिंदा व्यक्ति कुएं में कूदकर आत्महत्या करेगा तो जितनी स्थानों पर उसे चोट लगेगी लाश के उतने स्थान से खून बहेगा लेकिन यदि किसी की जान निकलने के बाद लाश में चोट लगती है तो चोट तो लगे गी लेकिन खून नहीं निकलेगा यही किशोरी के साथ भी हुआ है

किशोरी की मौत पर परिजनों का तर्क है कि उसका मानसिक संतुलन खराब था और उसका कई महीने से इलाज चल रहा था लेकिन अभी तक ईसीजी की जांच की पुष्टि परिजन नहीं कर सके जबकि मानसिक संतुलन खराब होने पर इलाज के पूर्व ईईजी की जांच चिकित्सकों द्वारा कराई जाती है जिस जांच रिपोर्ट की बात परिजन कर रहे हैं वह मंझनपुर के एक निजी अस्पताल और एक पैथोलॉजी की है और इन दोनों जांच रिपोर्ट में किशोरी की मलेरिया मर्ज और खून जांच का इलाज हो रहा था आखिर मलेरिया से बीमार किशोरी के मौत के बाद परिजनों ने उसके मानसिक संतुलन खराब होने का झूठा प्रचार करना क्यों शुरू कर दिया परिजनों का यह झूठ उन्हें सवालों के घेरे में खड़ा कर रहा है और परिजनों के झूठ पर स्थानीय पुलिस चौकी भी परिजनों का समर्थन कर रही है जिससे पुलिस की मंशा पर भी सवाल उठने लगे हैं किशोरी की मौत पर उच्च स्तरीय सूक्ष्म जांच हुई तो किशोरी की मौत तमाम रहस्य से भरे होंगे लेकिन क्या किशोरी की मौत की निष्पक्ष जांच हो पाएगी ।

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