गौ पालन भारतीय जीवन का आर्थिक आधार: अधोक्षजानन्द

प्रयागराज। गौरक्षा एवं गौसंवर्धन आज की जरूरत है। भारतीय संस्कृति में गौ माता को पूजनीय स्थान प्राप्त है। गौ पालन सिर्फ धर्म की दृष्टि से ही नहीं बल्कि आर्थिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। यह हमारे जीवन का आर्थिक आधार भी है। उक्त बातें पुरी पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अधोक्षजानन्द देव तीर्थ जी महाराज ने सम्बोधित करते हुए कही।
मंगलवार को माघ मेला के सेक्टर पांच में स्थित श्री आद्य शंकराचार्य धर्मोत्थान संसद माघ मेला शिविर में आयोजित संत संगोष्ठी में उन्होंने कहा कि पूरे देश में गौवंश के रख-रखाव की स्थित बेहद चिन्ताजनक है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोपालकों को सेवा के लिये प्रति गाय 900 रुपये देने की घोषणा कर प्रशंसनीय कार्य किया है। इससे जो गायें दूध देने में असमर्थ हो जाती हैं उनके पालन में लोगों को आर्थिक समस्या सामने नहीं आयेगी। इसके साथ ही यह भी जरूरी है कि इसकी देख-रेख सही ढंग से हो। उन्होंने कहा कि देखने में आता है कि सरकारी योजनाओं का लाभ आम लोगों को नहीं मिल पाता है। गौ पालन में ऐसी स्थिति नहीं आनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि गौमूत्र का आयुर्वेदिक दवाओं में बडे़ पैमाने पर इस्तेमाल हो रहा है। गोबर खेतों की उर्वरा शक्ति बढ़ाने में रामबाण का काम करता है। उन्होंने कहा कि एक तरफ तो पराली जलाने से हरियाणा, पंजाब, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में प्रदूषण जैसी समस्या उत्पन्न हो जाती है। वहीं गायों को खाने के लिए भूसा नहीं मिल पाता है। इसलिए सरकार को जगह-जगह भूसा बैंक बनाना चाहिये। गौ पालन को सहकारिता के आधार पर बढ़ावा दिया जाना चाहिए, इससे बेरोजगारी भी दूर होगी।
संस्था के सचिव शिवनारायन मतोला ने बताया कि शिविर में प्रतिदिन अखंड भंडारा धर्म प्रवचन एवं रामलीला का मंचन हो रहा है। सभी कार्यक्रम 9 फरवरी तक चलते रहेंगे। संगोष्ठी में जगद्गुरु रामानुजाचार्या स्वामी दामोदराचार्य परमहंस राजाराम दास दिगंबर महामंडलेश्वर झंडा बाबा निर्मोही अखाड़ा के महंत छैलबिहारी दास स्वामी रामदेवाश्रम, भारी संख्या में दंडी स्वामी, साधु-संत एवं श्रद्धालु उपस्थित थे ।

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